दरा-कनवास मार्ग पर किशोर सागर बालाजी मंदिर में ढाई माह से शिवलिंग पर एक नेत्र देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
-अरविन्द गुप्ता
कोटा। दरा से महज एक किमी दूर कनवास मार्ग स्थित ऐतिहासिक किशोर सागर श्रीबालाजी मंदिर में दिव्य शिवलिंग प्रतिमा पर निकले चमत्कारिक नेत्र को देखने के लिए इन दिनों श्रद्धालुओं का तांता लगा है। महाकालेश्वर रूपी इस दिव्य प्रतिमा पर ढाई माह पूर्व से प्राकृतिक शिव नेत्र दिखने लगा। निरंतर शिव साधना चलती रही, नवरात्र में यहां चमत्कारिक नेत्र स्पष्ट दिखाई देने से भक्तों की आस्था और बढ़ गई।
मंदिर पुजारी पं.लखनलाल शर्मा ने बताया कि लगभग 5 वर्ष पूर्व उन्होंने मप्र में नर्मदा नदी के औंकारेश्वर तट स्थित ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर पर अभिषेक किया। वहां से किशोर सागर बालाजी मंदिर में स्थापना के लिए शिवलिंग एवं नंदी प्रतिमा लेकर दूसरे ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान किया।
उसके बाद मंदिर परिसर में बालाजी के एक ओर महाकाल के पूजा स्थल का निर्माण प्रारंभ हुआ। गत वर्ष 16 अप्रैल,2016 को किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिव-नन्दी प्रतिमा को अवतरित किया गया। उस समय शिवलिंग पर कोई नेत्र नहीं था। नियमित जलाभिषेक करते हुए धीरे-धीरे प्राकृतिक नेत्र ज्योति स्वतः प्रस्फुटित होने लगी। श्रद्धालुओं ने बताया कि नंदी की प्रतिमा में अचानक सामने की ओर कुछ झुकाव भी देखने को मिला। शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव नेत्र से कष्ट एवं काल को पटखनी मिलती है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दुर्गाशंकर गुर्जर ने बताया कि दरा के वन क्षेत्र में विरासतकालीन किशोर सागर किनारे स्थित दक्षिणमुखी श्री बालाजी मंदिर में आकर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उर्जा मिलती है। मंदिर परिसर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है। नियमित तीन समय बालाजी का विशेष श्रंगार, पूजा-अर्चना एवं हवन-महाआरती होती है। पुजारी पं.लखनलाल शर्मा ने 25 वर्षों से नियमित पूजा-अनुष्ठान करते हुए श्री बालाजी की प्रतिमा को भव्य मंदिर का स्वरूप दिया। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को रक्षासूत्र के साथ किशमिश एवं मुंगफली दाने का प्रसाद वितरित किया जाता है।
नवरात्र में 15 हजार श्रद्धालु उमड़ते हैं
दरा स्टेशन के बाबूलाल खटाणा ने बताया कि प्रतिवर्ष नवरात्र में इस वन भूमि पर लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं का भंडारा होता है। जिसमें कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ जिले के अलावा मप्र से सैकड़ों भक्त नवरात्र दर्शन के लिए आते हैं। दरा के काश्तकार आनंदीलाल यहां 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। पोस्ट मास्टर दुर्गाशंकर मेवाड़ा ने बताया कि बालाजी मंदिर में बाहर से जो भक्त मनोरथ लेकर आते हैं, वे कभी खाली हाथ नहीं लौटते। रामगंजमंडी के डाॅ. विजय सिंह ने बताया कि यहां आने से कई असाध्य रोगों से पीड़ितों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। वरिष्ठ कम्पाउंडर त्रिलोक गुप्ता कई वर्षों से नवरात्र में 9 दिन यहां ठहरते हैं। आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि हास्पिटल में जब डाॅक्टर जवाब दे देते हैं तो यहां की सिद्धि रोगियों को अचानक स्वस्थ कर देती है। मोरूखुर्द के अध्यापक रमेशचंद्र रघुवंशी, दरा के मुनीम राजेश चैहान, कनवास के संतोष जैन ने बताया कि यहां दर्शन मात्र से मनवांछित फल पूरे होते हैं। दिव्य शिवलिंग पर अलौकिक नेत्र के प्रकाश से हजारों भक्तों में आस्था की किरण जाग उठी।