जीएसटी के लिए बैंकों को कराना होगा हर राज्य में अलग-अलग पंजीकरण

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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई व्यवस्था के तहत बैंकों को हर राज्य में अलग-अलग पंजीकरण कराने की आवश्यकता होगी। इससे वे एक जुलाई से नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिए तैयार हो सकेंगे। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।बैंक अभी की तरह एक केंद्रीकृत पंजीकरण प्रणाली की मांग करते रहे हैं।

उन्हें लगता है कि कई पंजीकरण के कारण प्रक्रियागत और अनुपालन संबंधी समस्याएं सामने आएंगी।अढिया ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक के बाद बताया कि जीएसटी के अंतर्गत बैंकों को हर राज्य में अलग-अलग पंजीकरण कराना ही होगा। उनके पास दूसरा विकल्प नहीं है। जीएसटी के तहत यही कानून है।

इसमें आने वाली परेशानियों को कम करने की कोशिश की जाएगी।अढिया बोले कि बैंकों को जीएसटी के लिए तैयार रहना होगा। वे ऐसा नहीं कह सकते कि तैयार नहीं हैं। बैठक में बैंकों के फंसे कर्जों और जीएसटी की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। उनकी चिंताओं को दूर किया गया है। बैंकों की अन्य समस्याओं का भी समाधान खोजा जाएगा। जानकारी का अभाव अभी एक मुख्य समस्या है। बैंक जीएसटी के सभी कानूनों से अवगत नहीं हैं।