जयपुर। राजस्थान में सोमवार को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हुआ। 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों को राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने शपथ दिलाई। तीन दिन चले मंथन के बाद दिल्ली में राजस्थान का मंत्रिमंडल तय हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा के बाद 23 मंत्री तय किए।
मंत्रिमंडल पर नजर डालें तो 18 विधायक पहली बार मंत्री बने, जबकि पहली बार चुनकर आए 25 से अधिक विधायकों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया। 11 महिला विधायकों में से एकमात्र सिकराय विधायक ममता भूपेश मंत्री बनीं। मुस्लिमों में भी सिर्फ पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मौका दिया गया। गठबंधन के दल आरएलडी से विधायक सुभाष गर्ग भी मंत्री बनाए गए।
कैबिनेट मंत्री :बीडी कल्ला (बीकानेर), शांति धारीवाल (कोटा उत्तर), परसादी लाल मीणा (लालसोट), सुजानगढ़ से मास्टर भंवरलाल मेघवाल, झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया, केकड़ी विधायक डॉ. रघु शर्मा, अंता से प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर), बायतू से हरीश चौधरी, रमेश मीणा (सपोटरा), चित्तौड़गढ़ से उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह (सिविल लाइंस) और पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया।
राज्यमंत्री और स्वतंत्र प्रभार
लक्ष्मणगढ़ (सीकर) विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, सिकराय से ममता भूपेश, बांसवाड़ा से अर्जुन सिंह बामनिया, कोलायत से भंवर सिंह भाटी, सांचौर से सुखराम विश्नोई, हिंडौली से अशोक चांदना, अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, वैर से भजनलाल जाटव, कोटपूतली से राजेन्द्र सिंह यादव और गठबंधन दल आरएलडी के भरतपुर से विधायक सुभाष गर्ग राज्यमंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री होंगे।
18 विधायकों को पहली बार बनाया गया मंत्री
रघु शर्मा, लाल चंद, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव, सुभाष गर्ग।
जयपुर-भरतपुर से सबसे ज्यादा मंत्री
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं। सबसे ज्यादा 3-3 मंत्री जयपुर और भरतपुर से। दौसा-बीकानेर से 2-2, अलवर, चूरू, चित्तौड़, जालौर, बूंदी, अजमेर, कोटा, बाड़मेर, करौली, जैसलमेर, सीकर, बांसवाड़ा व बारां से 1-1 मंत्री बनाए गए हैं।
संवैधानिक पदों पर नवाजे जा सकते हैं वरिष्ठ नेता
विधायक सीपी जोशी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, भंवर लाल शर्मा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, राजेंद्र पारीक, विजेंद्र ओला, राज कुमार शर्मा को मंत्री नहीं बनाया। इन्हें विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यसचेतक, उप मुख्यसचेतक पद दिया जा सकता है।
2019 के लोकसभा चुनाव पर नजर
कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सियासी समीकरण बैठाने की कोशिश की है। 25 में से 18 संसदीय क्षेत्रों से मंत्री बनाए गए हैं। जिन सात संसदीय क्षेत्रों से मंत्री नहीं बनाए गए हैं, उनमें शामिल पाली, सिरोही और झालावाड़ जिलों से एक भी कांग्रेस विधायक नहीं जीता है।