आधार और PAN को लिंक कराने से घोटाले नहीं रुकेंगे

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नई दिल्‍ली। आधार मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की बैंच के समक्ष गुरुवार को एक वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पैन नबंर को आधार से जोड़ने से न तो घोटालों को रोकने में कोई मदद मिलेगी न ही ब्‍लैक मनी को पकड़ने में यह मददगार होगा। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ज्‍यादातर वित्‍तीय घोटालों के लिए डमी कंपनियां जिम्‍मेदार पाई गई हैं, न कि आम लोग।

इस पीठ की अध्‍यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्र कर रहे हैं। इस पीठ के समक्ष आधार और इसके लिए बनाए गए 2016 के कानून को चुनौदी देने वाली याचिका पर अपनी पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि नीरव मोदी घोटाले से लेकर अन्‍य मामले हैं जहां यह मददगार नहीं हो सका।

जबकि इन जगहों पर पैन और अाधार को लिंक कराया गया था। NGO सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि इन स्‍कैम के जिए सबसे पहले बड़े कार्पोरेट और उसके बाद इंडिविजुअल प्‍लेयर जिम्‍मेदार हैं। इसके अलावा जहां तक ब्‍लैक मनी की बात है तो यह ज्‍यादातर विदेश बैंकों में जहां इन पैन और आधार को कोई मतलब नहीं है।

सु्प्रीम कोर्ट ने बात को साफ किया
हालांकि सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्‍यीय पीठ ने इस मामले में साफ किया कि अगर कोई सरकार की प्रायोजित स्‍कीम या सब्सिडी चाहता है तो उसके पास आधार होना जरूरी है। इस पीठ में मुख्‍य न्‍यायधीश दीपक मिश्र के अलावा जस्टिस ए के सीकरी, ए एम खानविलकर, डी वाई चन्द्रचुद और अशोक भूषण शामिल हैं। इन लोगों ने कहा कि आधार आधार कानून के सेक्‍शन 7 के तहत यह जरूरी है।

आधार मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं करता
वकील गोपाल शंकरनारायणन ने एनजीओ की तरफ से आधार एक्‍ट 2016 पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस एक्‍ट को पूरी तरह से देखा जाए तो यह लोगों का मूलभूत अधिकाराें के नियम को नहीं तोड़ता है।

हालांकि उन्‍होंने कहा कि इस एक्‍ट कुछ प्रावधानों में सुधार की जरूरत है। शंकरनारायणन ने कहा कि लेकिन आयकर नियम का सेक्‍शन 139AA लोगाें के मूलभूत आधिकारों के नियम का उल्‍लघंन करता है। इस सेक्‍शन के तहत ही पैन को आधार से लिंक कराना जरूरी है।

स्‍कैम के लिए डमी कंपनियां जिम्‍मेदार
उन्‍होंने कहा कि आमलोगों को पैन से आधार को लिंक करा कर सरकार बेकार में लोगों को निशाना बना रही है। उन्‍होंने कहा कि अभी तक देखने में आया है कि जो भी वित्‍तीय घोटाले हुए हैं उनमें डमी कंपनियां जिम्‍मेदार पाई गईं हैं न किया आमलोग।