कोटा। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलना तो दूर बल्कि किसानों के जख्मों पर जनप्रतिनिधि राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कभी एमएलए तो, कभी सांसद और कभी किसानों के नाम से अपनी राजनीति चमकाने वाले किसान संगठन आये दिन किसानों के बीच पहुंच कर अख़बारों में फोटो छपवाकर दूर हो जाते हैं।
पिछले कुछ समय से भामाशाह मंडी में यही देखने को मिल रहा है। असली किसान को तो इतनी फुर्सत नहीं जो नेताओं के तलवे चाटे। सांसद ओम बिरला ने शनिवार विधायक हीरालाल नागर के साथ भामाशाह मंडी कोटा एवं कृषि उपज मंडी केशवराय पाटन पहुंचकर जिंसों की तुलाई एवं समर्थन मूल्य के कांटों की व्यवस्थाओं को देखा।
सांसद बिरला एवं विधायक नागर भामाशाह मंडी के खरीद केंद्रों पर पहुंचे तो केंद्रों पर बड़ी संख्या में माल के ढेर देखकर नाटकीय ढंग से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि माल फैला हुआ है इसे जल्दी तोलो,मौसम बदल रहा है और यदि किसान का माल खराब हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी एफसीआई के अधिकारियों की होगी।
जल्द शुरू होगी लहसुन की खरीद
समर्थन मूल्य की खरीद की समीक्षा करने पहुंचे सांसद बिरला ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 3257 रुपए क्विंटल पर लहुसन खरीदने की स्वीकृति दे दी। बिरला व विधायक नागर ने किसानों से आग्रह किया है कि वह अपने माल को बाजार में कम दामों मे नहीं बेचें। दो तीन दिन में राज्य सरकार के द्वारा लहसुन खरीद शुरू कर दी जाएगी।
सोमवार से तुलेगा चना
भामाशाह मंडी में समर्थन मूल्य की खरीद केंद्रों की समीक्षा करने पहुंचे सांसद बिरला ने राजफेड के चना व सरसों के तुलाई केंद्रों पर भी पहुंचे। मौके पर तुलाई नहीं होने पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों को तुलाई करने के लिए कहा। इस पर सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार अजय सिंह पंवार ने बताया कि यार्ड में माल का उठाव के बाद सोमवार से पुनः चने की खरीद शुरू कर दी जाएगी।
सांसद बिरला ने कहा कि सरकार ने 5 प्रतिशत की एड मिक्सर के नियम के कारण किसानों का पूरा माल समर्थन मूल्य पर नहीं तुल पा रहा था लेकिन अब सरकार के द्वारा पाबंदी को हटा दिया गया है जिससे किसान हर क्वालिटी का चने को समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं।
5 हजार हो लहसुन का समर्थन मूल्य
विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा है कि लहसुन की फसल में किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा था, इसलिए लहसुन की समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग को लेकर उन्होंने धरना देने की घोषणा की थी। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर लहसुन की खरीद करने की घोषणा के बाद उन्होंने अपना धरना स्थगित कर दिया है।