नई दिल्ली। कम से कम 200 फर्जी कंपनियां और बेनामी संपत्तियां जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। ये जांच एजेंसियां पीएनबी में 11 हजार 400 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी की जांच कर रही हैं, जिसमें हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनके रिश्तेदार और बिजनस पार्टनर मेहुल चौकसी और अन्य के शामिल होने का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी, चौकसी और उनकी कंपनियों की लगातार चौथे दिन तलाशी जारी रखी। ईडी धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कम से कम दो दर्जन अचल संपत्तियों को कुर्क करने जा रही है। ईडी ने रविवार को देशभर में आभूषण शोरूम और कार्यशालाओं समेत कम से कम 45 परिसरों पर छापेमारी की।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘आयकर विभाग ने मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनियों की जिन 29 संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है, उसका पीएमएलए के तहत ईडी आकलन कर रही है। धन शोधन निरोधक कानून के तहत शीघ्र कुछ और संपत्तियों को भी कुर्क किया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि ईडी और आयकर विभाग ने देश और विदेश में 200 फर्जी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनका इस्तेमाल कथित धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में धन को भेजने या हासिल करने में किया जाता था।
इस बात का संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल आरोपी धन शोधन करने और जमीन, सोना और बेशकीमती रत्नों के रूप में ‘बेनामी’ संपत्ति खरीदने में कर रहे थे। इसकी आयकर विभाग अब जांच कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी और आयकर विभाग ने मामले की जांच के लिए विशेष दलों का गठन किया था। ईडी ने अब तक मामले में 5674 करोड़ रुपये के हीरे, सोने के जेवर और बेशकीमती रत्न जब्त किए हैं।
आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के सिलसिले में गीतांजलि जेम्स, इसके प्रमोटर मेहुल चौकसी और अन्य के नौ बैंक खातों से लेन-देन पर कल रोक लगा दी थी। उसने मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और उनके स्वामित्व वाले फर्मों की 29 संपत्तियां कुर्क कर ली थीं और 105 बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी थी।
पीएनबी की शिकायत के बाद यह मामला सामने आने पर मोदी, चोकसी और अन्य की कई जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। पीएनबी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि इन लोगों ने बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से राष्ट्रीयकृत बैंक को 11 हजार 400 करोड़ रुपये का चूना लगाया। सीबीआई मामले की जांच कर रही है।