तकनीकी प्रगति, वैज्ञानिक शोध और नवाचार के लाभ सबको समान रूप से मिलने चाहिएं

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लोक सभा अध्यक्ष बिरला का जिनेवा में आईपीयू एसेम्बली में संबोधन

जिनेवा/नई दिल्ली। जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 149वीं एसेम्बली में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग” विषय पर सभा को संबोधित किया।

अपने संबोधन में श्री बिरला ने वर्तमान समय की कुछ महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए इस पर भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से रखा। इस बात पर जोर देते हुए कि भारत हमेशा से बहुपक्षवाद का प्रबल समर्थक रहा है। श्री बिरला ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में संसदों के बीच व्यापक संवाद और सहयोग मानव कल्याण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईपीयू जैसे मंच के माध्यम से, संसदें साझी कार्य योजनाओं और साझे प्रयासों के द्वारा सम्पूर्ण विश्व के लिए समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करने में सफल होंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्व की सभी संसदों को मिलकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के लाभों का उचित और न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना चाहिए।

उन्होंने तकनीकी प्रगति, वैज्ञानिक शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया, ताकि इस प्रगति का लाभ सभी को समान रूप से मिल सके और इसका उपयोग जिम्मेदारी के साथ समावेशी और शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए किया जा सके ।

जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री बिरला ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई “One Sun, One World, One Grid” – “ओएसओडब्ल्यूजी” की पहल का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता 76 गीगावाट से बढ़कर 203 गीगावाट हो गई है।

उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, बायो फ्यूल गठबंधन जैसी पहलों के बारे में भी बात की, जो जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।

इस संबंध में संसद द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और सतत विकास लक्ष्यों के मुद्दों पर संसद में विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि नए भवन के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया गया है, जो हरित ऊर्जा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को दी जा रही प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने गर्व के साथ कहा कि भारत में स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत नवाचार, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 355 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य वाले 118 यूनिकॉर्न के साथ, आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप राष्ट्र बन गया है।

श्री बिरला ने बताया कि कैसे जन धन, आधार और मोबाइल की JAM ट्रिनिटी के माध्यम से वित्तीय सेवाओं के डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन के द्वारा 314 सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के तहत 2 ट्रिलियन 495 बिलियन रुपये के वित्तीय लाभ DBT-डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों मे अंतरित किए गए हैं, जिससे शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई