नई दिल्ली। Wholesale Inflation Rate:थोक महंगाई लगातार पांच महीने से शून्य से नीचे बनी हुई है। अगस्त, 2023 में यह शून्य से 0.52 फीसदी नीचे यानी (-)0.52 फीसदी रही। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई में गिरावट के बावजूद खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें दहाई अंक में बनी हुई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त, 2023 में खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर घटकर 10.60 फीसदी रह गई। जुलाई में यह 14.25 फीसदी रही थी। खाद्य वस्तुओं के अलावा खनिज तेल, रासायनिक उत्पादों, तैयार कपड़ों और बुनियादी धातुओं की महंगाई दर भी सालाना आधार पर घटी है।
आरबीआई ने बढ़ती महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए पिछले महीने तीसरी बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है। अगस्त, 2023 में खुदरा महंगाई घटकर 6.83 फीसदी रही, जो जुलाई के 7.44 फीसदी से कम है।
चालू वित्त वर्ष में ऐसे रही डब्ल्यूपीआई महंगाई
चालू वित्त वर्ष में अब तक थोक महंगाई शून्य से नीचे रही है। अप्रैल में यह शून्य से 0.92 फीसदी नीचे रही थी। मई में शून्य से 3.48 फीसदी, जून में शून्य से 4.12 फीसदी, जुलाई में शून्य से 1.36 फीसदी और अगस्त में शून्य से 0.52 फीसदी नीचे रही। महंगाई नकारात्मक तब रहती है, जब वस्तुओं की आपूर्ति उनकी मांग से ज्यादा होती है।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई अगस्त में घटकर 10.6% रही
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है। सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी। इनके दाम बढ़ने की आशंका नहीं है। देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है। यह साढ़े तीन माह की जरूरतें पूरे करने को पर्याप्त है। गेहूं की खुदरा कीमतें औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर हैं। 31 अगस्त तक सरकार के पास कुल 255 लाख टन गेहूं का भंडार था।