नई दिल्ली। Jeera Futures Price: सुस्त आवक से जीरे के वायदा भाव अब रिकॉर्ड स्तर 50 हजार के पार पहुंच गए हैं। जीरे के वायदा भाव थामने के लिए अतिरिक्त मार्जिन लगाने जैसी सख्ती का असर कुछ ही समय रहा। इस सख्ती के बावजूद जीरा फिर से महंगा हो गया।
पिछले महीने जीरे के भाव में नरमी देखी गई थी। लेकिन इस महीने जीरे के भाव चढ रहे हैं। जीरे का बेंचमार्क जुलाई कॉन्ट्रैक्ट ने आज 50,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का उच्च स्तर छू लिया। अगस्त कॉन्ट्रैक्ट तो 50,515 रुपये के स्तर को छू चुका है। इस महीने की पहली तारीख को जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 44,930 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। इस तरह इस कॉन्ट्रैक्ट के भाव इस महीने करीब 13 फीसदी बढ़ चुके हैं।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि पिछले महीने ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली और अतिरिक्त मार्जिन जैसी सख्ती के कारण जीरे के भाव गिरे थे। लेकिन अब इस महीने इसके भाव लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह निर्यात मांग बढ़ना है। जीरा 50 हजार रुपये के स्तर को पार कर चुका है।
कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल कहते कि उत्पादन घटने से आपूर्ति पहले से ही कमजोर है। पिछले साल उत्पादन 6.29 लाख टन था। इस साल यह घटकर 3.8 से 4 लाख टन रह सकता है। जीरे की इस समय निर्यात मांग भी अच्छी है। साथ ही चालू विपणन वर्ष में इसका स्टॉक कम रह सकता है। बाजार में सामान्य से कम आपूर्ति हो रही है।
इसलिए जीरे के भाव फिर से बढ़ने लगे हैं। इस महीने 14 जून तक मंडियों में 7,324 टन जीरे की आवक हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में हुई आवक 8,434 टन से करीब 13 फीसदी कम है। जीरे की आगे कीमतों के बारे में पॉल का कहना है कि एक बार भाव 51,000 रूपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।