आत्मनिर्भरता के लिए भारत तेजी से तरल नैनो यूरिया की ओर बढ़ रहा है: पीएम मोदी

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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नैनो यूरिया को कम खर्च में अधिक उत्पादन का माध्यम बताया और कहा कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत तेजी से तरल नैनो यूरिया की ओर बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने यहां स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूसा मेला ग्राउंड में दो दिवसीय “पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022” का उद्घाटन किया और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 16 हजार करोड़ रुपये की 12वीं किस्त जारी करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।

उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि को आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से छोटे किसानों को होने वाले लाभ का एक उदाहरण बताया और कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित किए गए हैं।

उन्होंने इस अवसर पर किसानों से खेती में नयी व्यवस्थाओं का निर्माण करने और वैज्ञानिक पद्धतियों तथा प्रौद्योगिकी को खुले मन से अपनाने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत अब तेजी से तरल नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है। नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक पैदावार का माध्यम है। जिनको एक बोरी यूरिया की जरूरत है, वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बोतल से हो जाता है। ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत का सबसे अधिक खर्च जिन चीजों को आयात करने में होता है, उनमें खाद्य तेल, उर्वरक और कच्चा तेल शामिल हैं और इनको खरीदने के लिए हर वर्ष लाखों करोड़ रुपये दूसरे देशों को देना पड़ता है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘विदेश में अगर कोई समस्या आती है, तो इसका बुरा असर हमारे यहां भी पड़ता है।’’

प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें खेती में नयी व्यवस्थाओं का निर्माण करना ही होगा और ज्यादा वैज्ञानिक पद्धतियों व प्रौद्योगिकी को खुले मन से अपनाना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसी सोच के साथ हमने कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर बल दिया है।’’

मोदी ने अपनी सरकार की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर मई महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त के रूप में 21,000 करोड़ रुपये जारी किए थे।

इस अवसर पर मोदी ने ‘एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव’ का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) का भी उद्घाटन किया और ‘भारत’ यूरिया ब्रांड नाम से किसानों के लिए ‘एक राष्ट्र-एक उर्वरक’ नामक महत्वपूर्ण योजना भी शुरू की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण खाद मुहैया कराएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘एक राष्ट्र-एक उर्वरक से किसान को हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है और बेहतर खाद भी उपलब्ध होने वाली है। देश में अब एक ही नाम और एक ही ब्रांड से और एक समान गुणवत्ता वाले यूरिया की बिक्री होगी और ये ब्रांड है भारत।’’

पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ये ऐसे केंद्र होंगे जहां सिर्फ खाद ही नहीं बल्कि बीज और उपकरण भी मिलेंगे और मिट्टी की जांच भी हो सकेगी। हर प्रकार की जानकारी भी किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।

ज्ञात हो कि देश में मझोले और छोटे किसानों की मदद के लिए शुरू की गई पीएम-किसान सम्मान योजना को आठ साल हो चुके हैं और देश में करोड़ों किसान इसका लाभ प्राप्त कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने 24 फरवरी 2019 को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी।

इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। यह हर साल 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में दिया जाता है। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे।