चीन बना रहा पाकिस्तान में कोरोना से भी घातक जैविक हथियार, जिनका इलाज नहीं

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बीजिंग। चीन कोविड की ही तर्ज पर पाकिस्तान में ऐसे रोग जनित वायरस तैयार कर रहा है जिससे बड़े पैमाने पर मानवता ही खत्म हो जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन के सत्तारूढ़ दल चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की जैविक हथियार बनाने की साजिश पाकिस्तान में व्यापक स्तर पर रची जा रही है।

विशेषज्ञ एंथनी क्लैन ने कहा कि चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी ने पाकिस्तान में बेहद आधुनिक वैज्ञानिक बुनियादी ढांचा विकसित किया है। इस तकनीक के जरिये एक नई महामारी के लिए पाकिस्तान एक बड़ी प्रयोगशाला बन गया है।

हाल के कुछ सालों में पाकिस्तान चीन की विस्तारवादी नीति और कर्ज के बोझ तले देशों को हड़पने की नीति का मोहरा बन चुका है। चीन की इस घातक साजिश के संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 की उत्पत्ति की जिम्मेदार चीन के वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी को ही इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। पाकिस्तान का डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलाजी आर्गेनाइजेशन (डेस्टो) पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना के कब्जे में है।

क्लान ने बताया कि इस नए घटनाक्रम के चलते विभिन्न देशों के वरिष्ठतम खुफिया सूत्रों ने बताया है कि चीन के बायो इंजीनियर पाकिस्तान में अब ऐसे जानलेवा वायरस तैयार करने में सक्षम हो गए हैं जो कोविड-19 से भी सैकड़ों गुना अधिक संक्रामक और घातक होंगे।

खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन और पाकिस्तानी सेना के गठजोड़ से पाकिस्तान में बनी इस लैब का बायोसेफ्टी लेवल-4 (बीएसएल-4) है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार चार बायोसेफ्टी स्तर होते हैं। इसमें चौथा स्तर सबसे घातक और संक्रामक होता है। इन वायरसों से जनित रोगों का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है।

सिंगापुर विश्वविद्यालय में ग्लोबल बायोडिफेंस विशेषज्ञ डा.रायन क्लार्क ने कहा कि अगर पाकिस्तान में चीन की गतिविधियों पर नजर नहीं रखी गई तो वह इन घातक वायरसों के जरिये पूरी दुनिया को तबाह कर देगा। इसलिए संयुक्त विव-डेस्टो जैविक हथियार कार्यक्रम की निगरानी की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन के बंदरगाह शहर वुहान स्थित लैब से ही कोरोना के वाइरस को इजाद किया गया था। कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया में 60 लाख से अधिक लोग अब तक मारे जा चुके हैं। इस बीच, चीनी शहर शंघाई में कोरोना महामारी का संक्रमण बढ़ने के बावजूद चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अब वहां लाकडाउन की अधिक सख्ती नहीं करना चाहते हैं।