कोटा के दशहरे में इस दफा राजस्थानी धोती में दिखेगा दशानन

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फाइल फोटो
  • 29 सितम्बर को दशहरा मैदान के रावण चौक में कुनबे के साथ डटेगा रावण

  •  30 सितम्बर को मुहुर्त के हिसाब से होगा रावण दहन। नगर निगम प्रशासन की तैयारियां जोरो पर

कमल सिंह यदुवंशी
कोटा। नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय दशहरा मेला 2017 का रावण कुनबा इस दफा नए लुक में दिखेगा। रावण इस बार राजस्थानी धोती पहने आकर्षक परिधान में नजर आएगा। इस दफा रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के परिधान के रंगों में बदलाव किया है।

इतना ही नहीं रावण थोड़ा ऊंचा व कुंभकर्ण-मेघनाद पहले से ज्यादा मोटे दिखेंगे। सीएडी चौराहा स्थित अंबेडकर भवन में रावण कुनबा बनकर तैयार हो चुका है और इनको अब फाइनल टच दिया जा रहा है।

अतिरिक्त मेला अधिकारी व एसी प्रेमशंकर शर्मा ने बताया कि 30 सितम्बर की शाम को मुहुर्त के हिसाब से रंगीन आतिशबाजी के नजारों के साथ अहंकारी रावण का कुनबे सहित दहन होगा। दहन से पहले गढ़ पैलेसे से भगवान लक्ष्मीनाराणजी की सवारी निकलेगी।

29 सितम्बर को रावण अपने कुनबे के साथ अंबेडकर भवन से मैदान में आ डटेगा। रावण दहन के दिन सुरक्षा की दृष्टि से निगम प्रशासन ने रावण चौक के आसपास पुख्ता बंदोबस्त किए है।

अतिरिक्त मेला अधिकारी प्रेमशंकर शर्मा ने बताया कि इस साल रावण 72 फीट ऊंचा होगा। रावण की घघरी को धोती का लुक दिया है। कुंभकर्ण व मेघनाद 40-40 फीट के होंगे।

दहन के दौरान दर्शको को किसी तरह से कोई व्यवधान न पहुंचे इसके लिए रावण कुनबे के आसपास बेरिकेट्स लगेंगे व सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहेंगे। मुहुर्त के हिसाब से 30 सितम्बर की देर शाम रावण दहन होगा।

अट्टहास भी करेगा अहंकारी रावण
मेला अध्यक्ष राममोहन मित्रा बाबला ने बताया कि फतेहपुर सीकरी के नईम अहमद अपने परिवार व टीम के साथ रावण-कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले तैयार कर रहे है। इस दफा रावण की ड्रेस का रंग भी बदला है।

जूतियां भी सुनहरी रंग की होगी। हमेषा की तरह रावण इस दफा भी तलवार चलाएंगा, आंखे टिमटिमाएंगा, गर्दन घुमाएगा और अट्टहास करेगा। कुंभकर्ण व मेघनाद भी तलवार घुमाएंगे। माइक सिस्टम के जरिए संचालनकर्ता दहन के दौरान रावण से जुड़ी बाते बताएंगे। बीच-बीच में माइक से रावण के अट्टहास की आवाजे भी सुनाई देगी।

रावण कुनबा तैयार कर रहे नईम अहमद ने बताया कि रावण का मुकुट सुंदर दिखे और गत सालों से कुछ हटकर दिखे इसलिए जरा सा बढ़ाया है। मेघनाद व कुंभकर्ण भी दुबले नजर न आए इसलिए इनकी मोटाई भी बढ़ाई है। उन्हांने बताया कि मेघनाद की घघरी का रंग भी बदला है।