एयरलाइंस की सरकार को चेतावनी, GST के कारण एयरलाइंस पर 4,750 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा
नई दिल्ली । एयरलाइंस का कहना है कि जीएसटी से उनकी कॉस्ट में बढ़ोतरी हुई है और इस वजह से किराया बढ़ाना पड़ सकता है। एयरलाइंस ने सरकार से GST पर राहत देने की मांग की है।
एक एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘GST के कारण एयरलाइंस पर 4,750 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और इससे हमारी ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ जाएगी। इससे एयरलाइन इंडस्ट्री को घाटा होने की आशंका है। नए टैक्स से एयरलाइंस का प्रॉफिट समाप्त हो सकता है।’
देश की तीन लिस्टेड एयरलाइंस- इंडिगो, जेट एयरवेज और स्पाइसजेट ने मार्च में समाप्त हुए फाइनैंशल इयर में संयुक्त रूप से 2,479 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया था। नॉन-लिस्टेड एयरलाइंस में गोएयर प्रॉफिट में चल रही अकेली एयरलाइन है। अन्य एयरलाइंस एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया इंडिया घाटे में हैं।
1 जुलाई से लागू हुए GST में सर्विस के बाद विमान के इंजन और पार्ट्स के दोबारा एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाया गया है। इससे इंडस्ट्री पर सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
एक एयरलाइन के एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘भारत में इंजन की रिपेयर की सुविधा नहीं है और हमें इंजन को रिपेयर के लिए विदेश भेजना पड़ता है। कुछ एयरलाइंस के कई इंजन टैक्स बढ़ने के कारण कस्टम्स के पास फंसे हैं और इससे ऑपरेशंस पर भी असर पड़ा है।’
अन्य टैक्स में एयरलाइंस के अपने इस्तेमाल के लिए विमान के पार्ट्स का इंटरस्टेट ट्रांसफर और विमानों के पार्ट्स पर 28 प्रतिशत का इंटीग्रेटेड GST है।
एक अन्य एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘सरकार मेक इन इंडिया की बात कर रही है, लेकिन इस तरह के टैक्स से ग्लोबल लेवल पर भारतीय एयरलाइंस को कॉम्पिटिशन करने में मुश्किल होगी और मिडल ईस्ट की एयरलाइंस जैसी विदेशी एयरलाइंस को फायदा मिलेगा।’
ऐनालिस्ट्स का कहना है कि अगर एयरलाइंस को GST को लेकर राहत नहीं मिलती तो किराए बढ़ सकते हैं। सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन के भारत में डायरेक्टर और सीईओ, कपिल कॉल ने कहा, ‘हमें अगले 12 महीनों में GST का असर अनुमान से अधिक होने की उम्मीद है और इसे लेकर एयरलाइंस की ओर से राहत देने की मांग सही है।
GST काउंसिल जरूरत पड़ने पर बदलाव करने के लिए तैयार है और हमें इस मामले में भी पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है।’ एविएशन मिनिस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि उन्हें एयरलाइंस की समस्या की जानकारी है और वे इसी सही मंच पर उठाने में उनकी मदद करेंगे।