हॉलमार्क लागू होने पर बिना रसीद नहीं कर पाएंगे सोने की खरीदारी

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कोटा। सोने के आभूषण पर हॉलमार्क लागू होने की अनिवार्यता लागू होने के बाद बिना रसीद के सोने की खरीदारी नहीं कर पाएंगे। क्योंकि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद जेवर या आभूषण से जुड़े हर आइटम का रिकार्ड मेनटेन करना अनिवार्य हो जाएगा। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने असल में सोने की ब्लैक में होने वाली की खरीदारी पर रोक लगाने के लिए हॉलमार्क को अनिवार्य बनाया है।

श्री सर्राफा बोर्ड कोटा के अध्यक्ष सुरेंद्र गोयल ‘विचित्र’ ने Len Den News को बताया कि मान लीजिए आप सोने की चेन वाली लॉकेट लेते हैं। तो ऐसा नहीं है कि सिर्फ उस लॉकेट में हॉलमार्किंग कराना होगा बल्कि चेन पर भी हॉलमार्क के निशान अनिवार्य होंगे। जेवर के हर छोटे से छोटे आइटम पर हॉलमार्क पर के निशान होंगे। बिना हॉलमार्क के नाक में डाले जानी वाली छोटी सी नथ भी बिना हॉलमार्क के नहीं होगी।

कारोबारियों ने बताया कि सभी आइटम पर हॉलमार्क कराने के लिए उन्हें जेवर को हॉलमार्क एजेंसी में भेजना होगा जहां सभी जेवर की विस्तृत जानकारी होगी। ऐसे में बिना रसीद के किसी भी जेवर को बेच या खरीद लेना असंभव होगा। बिना हॉलमार्क वाले जेवर ही बिना रसीद के बेचे या खरीदे जा सकेंगे, लेकिन यह कानून के खिलाफ होगा और पकड़े जाने पर लाख रुपए तक का जुर्माना भरना होगा। मुकदमा अलग से चलेगा।

फिलहाल बिना रसीद के सोने की खरीदारी करने पर प्रति 10 ग्राम 1500-1800 रुपए तक की बचत ग्राहकों को होती है। इस प्रकार की खरीदारी का सरकार के खाते में कोई रिकार्ड नहीं होता। सर्ऱाफा कारोबारियों को जेवर पर उनके नाम एवं कोड की जानकारी अंकित करने को लेकर आपत्ति है।

लेकिन, सरकार आभूषण पर मैन्यूफैक्चरर्स के नाम को इसलिए अंकित करवाना चाहती है ताकि नकली माल बेचने वाले या ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले कारोबारियों को आसानी से पकड़ा जा सके।

हॉलमार्क की अनिवार्यता वाले कानून को अगले साल 15 जनवरी से लागू माना जाएगा, लेकिन कारोबारियों को अपने पुराने स्टॉक को निकालने के लिए एक साल का समय दिया जाएगा। 15 जनवरी, 2021 से बिना हॉलमार्क के सोने का कोई कारोबार नहीं होगा। अधिसूचना जारी होने के बाद सिर्फ तीन प्रकार के 14,18 और 22 कैरेट के सोने की बिक्री होगी।