हारता वही है जो खुद को नहीं पहचानता: नितिन विजय

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मोशन के मेगा ओरिएंटेशन प्रोग्राम में शामिल हुए हजारों विद्यार्थी और अभिभावक

कोटा। मोशन एजुकेशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने कहा कि सफलता के लिए अपने मजबूत और कमजोर पक्ष को जानना जरूरी है। हमेशा हारता वही है जो खुद को नहीं पहचानता।

वे बुधवार को श्रीनाथपुरम स्थित यूआईटी सभागार में फाउंडेशन, नीट और जेईई डिवीजन की ओर से हुए मेगा ओरिएंटेशन सत्र 2023-24 के दौरान विद्यार्थियों और अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। तीन सत्र में हुए इस कार्यक्रम में हजारों विद्यार्थी और उनके अभिभावक शामिल हुए। उनको मोशन में कोचिंग सिस्टम, सफलता के गुर और पढ़ाई की सही रणनीति से अवगत कराया गया। ओरिएंटेशन में बताया गया कि कोचिंग कब से शुरू और कब समाप्त होगी, टेस्ट और रिवीजन क्लासेस का शेड्यूल क्या रहेगा और मोशन की ओर से क्या सुविधाएं दी जाएंगी।

नितिन विजय ने कहा कि विद्यार्थी में सफलता के लिए जुनून नहीं है तो कोई भी कोचिंग संस्थान कुछ नहीं कर सकता। बच्चे की सफलता के लिए हम तो प्रयास करते ही हैं, लेकिन अभिभावकों को भी सजग रहने की जरुरत रहती है। विद्यार्थी सभी कक्षाओं में उपस्थित रहकर पढ़ते रहें, सिलेबस समाप्त हो जाए तो अभ्यास करते रहें, टेस्ट देते रहें, उनमे मिली कमजोरियों के दुरुस्त करते रहें तो उनको अपना ड्रीम कॉलेज मिलकर ही रहता है।

फाउंडेशन डिवीजन के ओरिएंटेशन में कक्षा 6 से 10वीं तक के 1000 से अधिक छात्र-छात्राओं का स्वागत किया गया। इस अवसर पर मोशन एजुकेशन के चेयरमैन सुरेंद्र विजय, डायरेक्टर डॉ. स्वाति विजय, जेईई-डिवीजन के हिंदी मीडियम हेड देव शर्मा, वाइस प्रेजिडेंट शिवप्रकाश विजय और फाउंडेशन डिवीजन के अकेडमिक हेड मुकेश गौड़ ने विद्यार्थियों को ऊर्जावान उपस्थिति से प्रेरित किया।

नीट डिवीजन के ऑरिएंटेशन में ज्वाइंट डायरेक्टर अमित वर्मा ने कहा कि हमारा मिशन है कि मोशन में आने वाला हर बच्चा डिजायर रैंक लाकर अपने ड्रीम मेडिकल कॉलेज तक पहुंचे। यहां विद्यार्थियों के रिजल्ट, परफॉर्मेंस और बेटर फीलिंग के लिए एक बेस्ट टीम काम कर रही है और ऑफ़लाइन – ऑनलाइन स्टडी मटेरियल का श्रेष्ठ समन्वय दिया जाता हैं। अकेडमिक हेड डॉ. आशीष माहेश्वरी, डिप्टी डायरेक्टर जीतेन्द्र चांदवानी और डॉ. आशीष वाजपेयी ने बच्चों नीट में सफलता के टिप्स दिए।

जेईई डिवीजन के ऑरिएंटेशन में ज्वाइंट डाइरेक्टर रामरतन द्विवेदी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में बहुत अधिक नंबर लाने वाले बच्चों को जब कोचिंग के टेस्ट में नंबर कम आते हैं तो वे घबरा जाते हैं, पैरेंट्स भी विचलित हो जाते हैं। उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि जेईई एडवांस के 54 में 22 सवाल भी सही हो जाएं तो आईआईटी में प्रवेश मिल जाता है। जेईई में 300 में से 150 नम्बर लाने वाले भी दस लाख में से केवल 20-25 हजार बच्चे ही होते हैं।

कम नंबर आए तो घबराना नहीं: इसलिए नंबर कम आए तो घबराना नहीं, ज्यादा बेहतर प्रयास करना चाहिए। डिप्टी डायरेक्टर और अकेडमिक हेड जेईई निखिल श्रीवास्तव ने जेईई में सफलता के टिप्स दिए। कंटेंट हेड जयंत चित्तौड़ा ने तीनों सत्र में बताया कि बताया कि मोशन लर्निंग एप हेल्पिंग और प्रेक्टिस टूल है, इसका उपयोग इसी तरह करना है।