भगवान शालिग्राम-तुलसी विवाह में साक्षी बने सैकड़ों लोग, विदाई में हुई आंखें नम

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कोटा। मातेश्वरी समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित वानप्रस्थ धाम लखावा में सप्त दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया। शनिवार को श्री राम हवन के बाद पुर्णाहुति दी गई। ट्रस्टी गोविंदराम मित्तल ने बताया कि सप्तदिवस रामकथा में बढ-चढ कर लोगों ने हिस्सा लिया।

महामण्डलेश्वर हेमा सरस्वती व स्वामी मैत्री गिरी महाराज ने राम जीवन सें संस्कार, मर्यादा, न्याय, सत्य और सच्चरित्रता व आदर्श जीवन की सीख लोगों को दी। ट्रस्टी एस के सिंघल ने बताया कि शनिवार को श्री राम हवन वैदिक मंत्रोचारण के साथ पंडित संजय चतुर्वेदी के सानिध्य में सम्पन्न हुआ।

पण्डित संजय चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान गणेश, नवग्रहो, शिव परिवार, भगवान हनुमान की पूजा अर्चना से हवन आरंभ किया। हवन में क्षेत्र के सैकडों लोग सम्मलित हुए और सपत्निक हवन में बैठकर आहूति दी और जयकारो से मंदिर परिसर को गुंजाएमान कर दिया।

कौशल्या देवी-गोविंद राम मित्तल,कामनी-एस के सिंघल, उषा-शरद चतुर्वेदी सहित कई लोगों ने सपत्निक हवन में बैठक कर हवन में सर्व:भवंतु सुखिना व सर्व:भवंतु निरामया की भावना से आहुति दी और विश्वकल्याण की कामना की। इस अवसर पर श्रीराम रेयन्स के यूनिट हेड वी के जेटली, कैलाश चंद श्यामपुरिया, जी​डी पटेल, अचल पौद्दार, मनीष माहेश्वरी, अनिष माहेश्वरी सहित सैकडों लोग उ​पस्थित रहे।

गोविंद राम मित्तल ने बताया कि नेपाल की पवित्र गंडकी नदी से वानप्रस्थ आश्रम कोटा में 9 शिलायें लाई गई। भगवान विष्णु का स्वरूप मानी जाने वाली इन शिलाओं का भव्य अभिनंदन किया गया। डॉक्टर एस के सिंघल ने बताया कि शालिग्राम तुलसी विवाह वैदिक मंत्रोचार के साथ 7 फेरे लेकर तुलसी शालिग्राम का विवाह संपन्न हुआ।

सैकड़ों की संख्या में लोग तुलसी शालिग्राम विवाह के साक्षी बने। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सात फेरों की रस्म पूरी कर माता तुलसी को भगवान शालिग्राम के साथ विदाई दी गई। विदाई के समय तब सभी की आंखें नम हो गईं।