सांगोद में 175 करोड़ रुपए की लागत के 400 केवी जीएसएस का शिलान्यास

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बिरला बोले, गांवों के विकास को देंगे नए आयाम ताकि पलायन रूके

कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने मंगलवार को सांगोद में 175 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 400 केवी जीएसएस सहित कई अन्य विकास कार्यों का शिलान्यास किया। इस दौरान स्पीकर बिरला ने कहा कि अगले पांच साल में ग्रामीण विकास को नए आयाम दिए जाएंगे। कार्ययोजना के तहत प्रयास करते हुए हम क्षेत्र के प्रत्येक गांव को आत्मनिर्भर बनाएंगे। इससे ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर सुलभ होंगे और गांवों से पलायन रूकेगा।

जोलपा रोड स्थित भीम राव अम्बेडकर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्पीकर बिरला ने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आज विश्व के बड़े-बड़े देश भारत की ओर देख रहे हैं। इसका कारण है कि हमारे गांव-ढाणी तक तक लोगों में जागरूकता आई है। लघु, कुटीर और मध्यम उद्योगों के माध्यम से गांव-गांव में अब उत्पादन हो रहा है। महिलाएं भी स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर इसमें सहयोग दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह गांव जल्द से जल्द आत्मनिर्भर बन सकें, इसके लिए यहां ढांचागत सुधार पर बल दिया जाएगा। गांवों में अच्छे विद्यालय हों, चिकित्सा सुविधाएं हों, सड़क, पानी, बिजली की उपलब्धता हो, इस सब पर काम होगा। जो गांव विकास की दौड़ में बहुत पिछड़ चुके हैं, पहले उन्हें अग्रणी बनाएंगे और फिर समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

कांग्रेस ने बिजली तंत्र पर नहीं किया कोई काम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि बीते पांच सालों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने विद्युत उत्पादन में सुधार के लिए कोई कार्य नहीं किया। यही कारण है कि हमें आपूर्ति में कटौती करते हुए महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है। लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिन नहीं रहेगी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के सहयोग से राजस्थान को छत्तीसगढ़ में नई कोयला खान आवंटित हुई है। इससे सभी उत्पादन यूनिट्स में पर्याप्त मात्रा में कोयला पहुंचना शुरू हो गया है। इसके साथ ही सरकार आमजन के घर पर रूफ टाॅप सोलर प्लांट तथा किसानों के खेलों में कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट लगा रही है। इससे इन सभी की विद्युत मांग और बिल राशि में कमी आएगी।

जीएसएस बनने से यह होगा फायदा
सांगोद में 400 केवी जीएसस बनने से छीजत में कमी आएगी जिससे सांगोद, बपावर, खानपुर, देवली, मांझी, बारां, मोडक, झालावाड़ और अकलेरा की बढ़ी हुई लोड मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे कालीसिंध छबड़ा-कवाई जेनरेशन कॉम्प्लेक्स से बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन बाधाओं को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा मौजूदा 132केवी स्तर के सबस्टेशनों को 400केवी स्तर के राष्ट्रीय ग्रिड के माध्यम से जोड़ा जाएगा जिससे विद्युत आपूर्ति तंत्र में सुधार होगा जो सांगोद और झालावाड़ क्षेत्र में औद्योगीकरण को बढ़ावा देगा।