सरकार का सोया तेल एवं डीओसी पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का विचार

0
58

मुम्बई। लैटिन अमरीका के दो शीर्ष सोयाबीन उत्पादक देशों- ब्राजील तथा अर्जेन्टीना में चालू वर्ष के दौरान इस महत्वपूर्ण तिलहन की क्रशिंग में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है जिससे सोया तेल का उत्पादन बढ़ेगा।

एक अग्रणी समीक्षक के अनुसार अर्जेन्टीना में हाल की वर्षा से सोयाबीन की फसल को काफी फायदा हुआ है और वहां इसकी पैदावार में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।

दूसरी ओर ब्राजील में न केवल मौसम खराब होने से सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है बल्कि बायोडीजल निर्माण में सोया तेल का उपयोग बढ़ने की उम्मीद भी है। इन दोनों घटनाओं का सोया तेल के वैश्विक कारोबार की गतिशीलता पर असर पड़ सकता है।

भारत में सोया तेल का सर्वाधिक आयात अर्जेन्टीना एवं ब्राजील से ही किया जाता है। इन दोनों देशों के हालात पर भारत की गहरी नजर लगी हुई है।

भारत सोयाबीन तेल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है इसलिए उसे इन दोनों देशों से आयात बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी क्योंकि स्वदेशी उत्पादन से घरेलू मांग एवं खपत को पूरा करना संभव नहीं है।

अर्जेंटीना में भयंकर सूखा पड़ने से पिछले साल सोयाबीन के उत्पादन में जबरदस्त गिरावट आ गई थी जबकि चालू वर्ष के दौरान उत्पादन में शानदार बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।

एक विश्लेषक फर्म ने वहां सोयाबीन का उत्पादन 2023 के 224 लाख टन के दोगुने से ज्यादा बढ़कर 2024 में 505 लाख टन की उंचाई पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है।

लेकिन सरकार की नीति वहां से सोयाबीन, सोया तेल एवं सोया मील के निर्यात पर प्रतिकूल असर डाल सकती है। सरकार एक बार फिर सोया तेल एवं सोया डीओसी पर निर्यात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है।

ब्राजील संसार में सोयाबीन का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जहां से सोया तेल का भी भारी निर्यात होता है। यदि वहां योजना के अनुसार बायोडीजल निर्माण में सोया तेल के उपयोग का स्तर बढ़ाने का निर्णय लिया जाता है तो इसके निर्यात योग्य स्टॉक में कमी आ सकती है।

ब्राजील की सरकार डीजल में बायोडीजल के मिश्रण का अंश 12 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत निर्यात करने जा रही है जबकि बायोडीजल निर्माण में सोयाबीन तेल का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है।

2023-24 सीजन के दौरान वहां बायोडीजल निर्माण में 57.40 लाख टन सोयाबीन तेल की खपत होने का अनुमान है जो 2022-23 सीजन के उपयोग से 24.7 प्रतिशत अधिक है।

इसके फलस्वरूप भारत को इस वर्ष अर्जेंटीना से सोया तेल का आयात बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। 2022-23 के सीजन के दौरान भारत में पाम तेल एवं सूरजमुखी तेल के आयात में भारी बढ़ोत्तरी हुई जबकि सोया तेल का आयात अपेक्षाकृत कम हुआ। इस बार सोया तेल का आयात बढ़ सकता है।