सरकारी बैंकों के विलय व कम्पनीज एक्ट में संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी

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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पीएसयू बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है। साथ ही कैबिनेट ने विलय होने वाले बैंकों द्वारा सबमिट की गई विलय योजना को भी अनुमति दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि बैंक विलय की समय सीमा यानी एक अप्रैल के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे विलय होने वाले बैंको के मुख्य बैंकिंग कार्य बाधित नहीं होंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा की विलय प्रक्रिया से गुजर चुकी है और यह सफल रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभावी हो जाएगा।साथ ही कैबिनेट ने बुधवार को कंपनी लॉ में कई संशोधनों को भी मंजूरी दी इनमें कानून तोड़ने से जुड़ी विभिन्‍न गलतियों को अपराध की श्रेणी से अलग रखना भी शामिल है। कैबिनेट द्वारा कंपनीज एक्ट 2013 में 72 बदलावों को मंजूरी दी गई है।

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक्ट में “अपराधमुक्ती” वाले प्रावधानों को प्राथमिकता से लिया गया है। सीतारमण, जो कि वित्त मंत्री भी हैं, ने कहा कि कैबिनेट ने एक्ट में 72 बदलावों को मंजूरी दी है।वित्त मंत्री ने कहा कि एक्ट के अंदर 66 क्षमायोग्य अपराधों में से करीब 23 को अलग किया जाएगा। वहीं, सात क्षमायोग्य अपराधों को हटा दिया जाएगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार कई सेक्शंस में कैद के प्रावधानों को भी हटाएगी और कई क्षमायोग्य अपराधों में पेनल्टी को कम करेगी। सीतारमण ने कहा कि ये कदम ईज ऑफ डूइंज बिजनेस अर्थात कारोबार को आसान बनाने की दिशा में उठाए जा रहे हैं।

इन बैंकों का विलय
विलय-1
पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (दूसरा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-17.95 लाख करोड़ रुपये)
विलय-2
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक (चौथा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-15.20 लाख करोड़ रुपये)
विलय-3
यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक (पांचवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-14.6 लाख करोड़ रुपये)
विलय-4
इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक (सातवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-8.08 लाख करोड़ रुपये)