सफलता पानी है तो ताकत के साथ अपनी कमजोरियों को पहचानें

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  • ‘विंग्स ऑफ विजडम’ कार्यशाला में डॉ. हरीश शर्मा ने बताए सफलता के गुर

कोटा। कोई भी योद्धा यदि हारता है तो उसकी वजह ताकत नहीं बल्कि, उसकी कमजोरियां होती है। दुर्योधन भी अपनी कमजोरी की वजह से मारा गया था। इसलिए हमें जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो ताकत के साथ अपनी कमजोरियों को भी पहचानना होगा। जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करें, विद्यार्थी अपने दिमाग का सही इस्तेमाल कैसे करें आदि बिन्दुओं पर केन्द्रित ‘विंग्स ऑफ विजडम’ कार्यशाला एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से राजीव गांधी नगर स्थित समर्थ सद्भाव परिसर में आयोजित हुई। चार सत्रों में नर्चर (11वीं कक्षा) के स्टूडेंट्स के लिए आयोजित इस कार्यशाला में 6 हजार से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए।

मोबाइल से दूर रहकर संतुलित जीवन जिएं
डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। क्योंकि मोबाइल से जो रेडिएशन निकलता है, उससे कई प्रकार के नुकसान होते हैं। उन्होने रेडिएशन डिवाइस के जरिए मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन की जानकारी दी। हमारे ब्रेन के पांच हिस्से इस रेडिएशन से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। इससे पढ़ाई की स्पीड कम होती है। नींद साइकिल डिस्टर्ब होती है। जिससे विद्यार्थी का दिमाग क्लास में थका हुआ रहता है। विद्यार्थी सोडियम ज्यादा खाने लगता है, जिससे एकाग्रता कम होती है और यहीं से असफलता की शुरुआत होती है। इसलिए जितना संभव हो सके, मोबाइल को दूर रखें और संतुलित जीवन जीने की शुरुआत करें।

सकारात्मक सोच से सफलता का रास्ता
डॉ. हरीश ने बताया कि विद्यार्थी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आपकी सोच काफी महत्वपूर्ण होती है। जब भी आप कुछ कल्पना करते है, दिमाग उन विचारों को ग्रहण करता है। इस समय कुछ कैमिकल रिएक्शन होने के साथ हार्मोन ग्रंथियां सक्रिय होती है। जैसे विचार आएंगे, हार्मोन भी वैसे ही निकलेंगे। नकारात्मक विषयों के लिए स्ट्रेस हार्मोन तो सकारात्मक विषयों के लिए हैप्पी हार्मोन। सकारात्मक विचारों से शरीर की एनर्जी दुगुनी हो जाती है। अपना मनपसंद कार्य करने से दिमाग में डोपामाइन नामक हार्मोन का स्राव होता है, जो आपके तनाव को कम करके बेहतर महसूस कराता है।

लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाएं
वर्कशॉप को संबोधित करते हुए एलन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीआर चौधरी ने कहा कि आप लोग अपने-अपने लक्ष्यों को लेकर यहां आए हैं। कुछ महीनों के लिए कड़ी मेहनत कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाएं। इसके लिए आपको खुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा। गलत चीजों के लिए ना कहने की आदत डालें। मोबाइल का इस्तेमाल जितना कम हो, बेहतर है। टाइम मैनेजमेंट के साथ पढ़ाई करेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार भी ग्रहण करें। शिक्षा और संस्कार दोनों एक दूसरे के पर्याय है। जीवन में एक सफल व्यक्ति बनने के लिए दोनों का होना जरूरी है। माता-पिता एवं गुरूजनों को हमेशा सम्मान दें।

बच्चों को सिल्वर मैडल से किया सम्मानित
एलन के प्रिंसीपल साइकोलॉजिस्ट व स्टूडेंट बीहेवियर एक्सपर्ट डॉ. हरीश शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस दौरान एलन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीआर चौधरी, विनोद कुमावत, जीवन ज्योति अग्रवाल एवं जेईई एडवांस्ड कैम्पस प्रिंसीपल उमेश शर्मा समेत अन्य फैकल्टीज भी मौजूद रही। इस दौरान विद्यार्थियों को कई तरह के मोटिवेशनल वीडियो भी दिखाए गए। कार्यक्रम में बच्चों को सिल्वर मैडल देकर सम्मानित भी किया गया।