विदेशों में मनी ट्रांसफर हुआ आसान, विदेशी पेमेंट सिस्टम से जुड़ेगें UPI और भीम

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से सीमा पार पेमेंट सिस्टम को लेकर नई गाइडलाइंस जारी किए जाने के बाद देश के बाहर पैसे भेजने और खर्च करने की नई तकनीक पर का शुरू हो गया है। जल्दी ही ऐसा सिस्टम तैयार कर दिया जाएगा जिससे सिंगापुर और दुबई समेत तमाम देशों में चुटकियों में लेनदेन हो जाया करेगा। पेमेंट सिस्टम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिंदुस्तान को बताया है कि कई देशों के पेमेंट सिस्टम को भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेज यानी यूपीआई से जोड़ने की तैयारी चल रही है। और 2022 तक ये काम करने लगेगा। इसके जरिए दूसरे देशों में किए जाने वाले पेमेंट पर लगने वाले चार्ज भी घटने की उम्मीद है।

इसके जरिए भारतीय पेमेंट सिस्टम एप्लीकेशन यानी भीम ऐप के जरिए विदेशी जमीन पर यूपीआई आधारित भुगतान हो जाया करेगा। इसको लेकर जल्द ही दूसरे देशों के साथ शर्तों को तय करने के बाद पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया जाएगा। शुरुआत में इस सिस्टम को उन्हीं देशों में लागू किया जाएगा जहां भारतीयों का टूरिज्म और पढ़ाई लिखाई के लिहाज से आना जाना ज्यादा होता है। इसके लिए दुबई, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और कनाडा के साथ सेवाएं पहले फेज में शुरू की जा सकती हैं।

मौजूदा समय में विदेशों में पैसों के लेन देन की प्रक्रिया पूरा होने में 12-24 घंटे का समय लगता है। रिजर्व बैंक की फॉरेक्स सेवाओं के जरिए बैंक विदेशों में पैसा ट्रांसफर करते हैं। या फिर वहां जाने वाले लोग मनी एक्सचेंज के जरिए देश विशेष की मुद्रा का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ बैंकों की तरफ से फॉरेक्स कार्ड भी जारी किए जाते हैं। लेन देन में सुगमता के लिए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानि एनपीसीआई ये सिस्टम तैयार कर रहा है। इसके लिए एक नई कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशन पेमेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी लॉन्च की गई है जो अगले 2 साल में पूरा सिस्टम तैयार करने की तैयारी में है।

रुपये से विदेश में पेमेंट
फिलहाल पाटलट प्रोजेक्ट के तौर पर दुबई, भूटान और सिंगापुर जैसे देशों में रूपे डेबिट कार्ड के जरिए पेमेंट की व्यवस्था शुरू की गई है जिसकी सफलता के बाद अगले 6 महीने में इसे इन देशों के लिए पूरी तरह से लॉन्च कर दिया जाएगा। वहीं बाकी देशों में भी इसे लॉन्च करने के लिए बातचीत की जा रही है। मौजूदा दौर में इसे सिर्फ कंज्यूमर पेमेंट के तौर पर ही शुरू किया जाएगा। इसकी सफलता के बाद कारोबारी पेमेंट के लिए भी इस्तेमाल किए जाने पर विचार किया जा रहा।