विदेशी युवतियों ने बैंक का ATM सर्वर हैक कर निकाले 32 लाख रुपए, जानिए कैसे

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जयपुर। युगांडा और गांबिया की दो युवतियों नेरास्पबेरी-पाई डिवाइस से बैंक ऑफ बड़ौदा का सर्वर हैक कर दो दिन में 32 लाख रुपए निकाल लिए थे। मंगलवार को आरोपी नानटोंगो एलेकजेन्ड्रस निवासी युगांडा और लौरा कैथ निवासी गांबिया को कोर्ट ने 8 दिन के रिमांड पर भेज दिया। एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया दोनों महिलाएं जून में दिल्ली आई थीं और ठगी का नेटवर्क खड़ा कर रही थीं।

दिल्ली से दोनों 14 जुलाई को जयपुर आ गईं। यहां 16 से 18 जुलाई के बीच महेश नगर, गोपालपुरा, नेहरू पैलेस व सांगानेर स्थित एटीएम बूथ से 32 लाख रुपए निकाल लिए। इधर, बैंक में तकनीकी खामी इतनी बड़ी थी कि सर्वर हैक हो गया और अलर्ट तक नहीं आया। एसओजी का कहना है कि संभवत: ऐसी ठगी देश में पहली बार हुई है। इधर, दोनों महिलाएं वेश बदल कर सुबह 7 से 9 बजे के बीच ही ठगी करती थीं। डीआईजी शरद कविराज ने बताया संभावना है कि गिरोह को बड़े आईटी एक्सपर्ट संचालित कर रहे हैं। दोनों तीन बार भारत आ चुकी हैं।

जानिए बैंक का पूरा सिस्टम कैसे हैक हुआ

  • सर्वर को हैक करने वाला रास्पबेरी-पाई छोटा कम्प्यूटर है और छोटे मदरबोर्ड जैसा होता है। इसे किसी भी तरह की कमांड देने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। इससे सर्वर तक हैक हो सकता है।
  • डिवाइस का उपयोग मशीन लर्निंग व ऑटोमेशन में होता है। मशीन को रास्पबेरी-पाई से जोड़कर उससे तय कमांड से रोबोट की तरह काम करवाया जा सकता है।
  • ठगी के लिए डिवाइस को कोड करके एटीएम में लगाकर मुख्य सर्वर से हटा दिया। बदमाशों ने वाईफाई से कनेक्ट करके एटीएम के लिए लोकल सर्वर बना दिया।
  • लोकल सर्वर बनाने के बाद मशीन बदमाशों द्वारा दी गई कमांड पर ही काम करता है। इसके बाद एटीएम में कोई भी कार्ड डालने पर रास्पबेरी-पाई के जरिए कमांड देकर सही बना देते थे।
  • बदमाश एक तरह से एटीएम मशीन के रास्पबेरी-पाई के जरिए नकली बैंक सर्वर तैयार कर देते हैं। इसकी कमांड पर मशीन पैसे बाहर निकाल देती है।

एसओजी सायबर सेल प्रभारी डीएसपी उमेश निठारवाल व इंस्पेक्टर उम्मेद सिंह के नेतृत्व में गठित टीमें महिलाओं से पूछताछ कर रही हैं। महिलाओं से ठगे की पैसे और डिवाइस नहीं मिली है। अंदेशा है राजस्थान में भी इनके साथ काई अन्य बदमाश है। बरामद सिम व मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है।