राष्ट्रीय कार्ष्णि संत ब्रह्मानंद बालयोगी महाराज की श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिन
कोटा। राष्ट्रीय कार्ष्णि संत ब्रह्मानंद बालयोगी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से भक्तों को आल्हादित कर दिया। विधायक संदीप शर्मा ने कथा के दौरान पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
सनातन धर्म श्रीराम मंदिर दादाबाड़ी पर व्यासपीठ से बालयोगी महाराज ने कहा कि जब तक जीव माता के गर्भ में रहता है तब तक वह बाहर निकलने के लिये छटपटाता रहता है। उस समय वह जीव बाहर निकलने के लिये ईश्वर से अनेक प्रकार के वादे करता है।
मगर जन्म लेने के पश्चात सांसारिक मोह माया में फंस कर वह भगवान से किए गए वादों को भूल जाता है। जिसके परिणामस्वरूप उसे चौरासी लाख योनी भोगनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है उसी के अनुरूप उसे मृत्यु मिलती है।
भगवान ध्रुव के सत्कर्मों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना, उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप ही उन्हें वैकुंठ लोक प्राप्त हुआ। महाराज ने कहा कि हमें हमेशा अच्छी चीजें व अच्छे साहित्य व धार्मिक ग्रंथ पढ़ना चाहिए, ताकि हमारा मन व बुद्धि स्वच्छ रहे।
उन्होंने कहा कि बच्चों के नामांकरण से पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार कर उनका नाम रखना चाहिए, क्योंकि हमारे जीवन में नाम का बहुत प्रभाव पड़ता है। जथा नाम तथा गुणा की कहावत हमेशा चरित्रार्थ होती है।
व्यासपीठ का पूजन गीता मूंदड़ा और कमल माहेश्वरी द्वारा किया गया। प्रवक्ता लीलाधर मेहता ने बताया कि कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 2 से 6 बजे तक है। सोमवार को कृष्ण जन्म के प्रसंग का वर्णन होगा।