वर्ष 2024 में होने वाली परीक्षा के लिए CBSE ने बदला प्रश्न पत्र पैटर्न

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नई दिल्ली। New Education Policy: सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सवालों का पैटर्न बदल दिया गया है। बोर्ड ने इसकी अधिसूचना जारी करने के साथ सभी स्कूलों के प्राचार्य को पत्र भी भेज दिया है। बोर्ड ने वर्ष 2024 में होने वाली 10वीं बोर्ड में 50 प्रतिशत बहुविकल्पीय सवाल पूछने का फैसला किया है।

दसवीं के अलावा 12वीं बोर्ड में भी 40 प्रतिशत बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। सीबीएसई ने कहा है कि नये पैटर्न से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। यह पैटर्न नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। बोर्ड ने कहा है कि यह बदलाव स्कूल की इंटरनल परीक्षाओं में भी लागू किया जाएगा। नौंवीं और दसवीं की जो आंतरिक परीक्षाएं होंगी, उसमें बहुवैकल्पिक सवालों की संख्या अधिक होगी।

सीबीएसई की नई गाइडलाइन में बोर्ड और आंतरिक परीक्षा में कंपीटेंसी आधारित फोकस्ड सवाल पूछे जाएंगे। सीबीएसई के राज्य काउंसलर डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि 2022-23 तक कंपीटेंसी बेस्ड सवालों की संख्या 40 प्रतिशत थी, इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह 12वीं में पहले 30 प्रतिशत कंपीटेंसी बेस्ड सवाल पूछे जाते थे। इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।

डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि सीबीएसई ने पहली बार बोर्ड परीक्षाओं में रिस्पांस आधारित सवाल पूछने का फैसला किया है। इसमें छात्रों के सामने बहुवैकल्पिक सवाल रहेंगे, लेकिन उसके उत्तर में छात्रों का रिस्पांस देखा जाएगा। यानी छात्र किसी सवाल को हल करने की भी कोशिश करता है तो इसके बदले अंक दिये जाएंगे। दसवीं और 12वीं में ऐसा किया गया है। उन्होंने बताया कि रिस्पांस बेस्ड सवालों की संख्या 20 प्रतिशत रहेगी।

30 प्रतिशत दीर्घ और लघु उत्तरीय सवाल: सीबीएसई ने नौवीं और दसवीं में 30 प्रतिशत लघु और दीर्घ उत्तरीय सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन यह भी रिस्पांस आधारित ही रहेंगे। डीएवी खबड़ा के प्राचार्य मनोज कुमार झा ने बताया कि सीबीएसई चाहता है कि छात्र रट्टा मार पढ़ाई नहीं करें बल्कि सभी विषयों को पूरी तरह से समझें और उसके बाद सवालों का जवाब लिखें।

40 फीसदी दीर्घ उत्तरीय सवाल: सीबीएसई में 12वीं बोर्ड में अगली बार 40 प्रतिशत दीर्घ और लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इससे पहले सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 50 प्रतिशत लघु और दीर्घ उत्तरीय सवाल पूछे जाते थे। सीबीएसई काउंसलर ने बताया कि सीबीएसई ने छात्रों के क्षमता निर्माण के विकास के लिए नया पैटर्न शुरू किया है।