लॉकडाउन में मूक पशु-पक्षियों का सहारा बनी ‘समर्पण’

1180

कोटा। किसी शायर ने कहा है – समय ने अपना पहिया चलाया है, कुदरत ने ये नायाब खेल रचाया है, आज इंसान पिंजरे में कैद हुआ, और परिंदो ने अपनी आजादी का जष्न मनाया है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते शहर में लॉकडाउन के कारण आमजन घरो के अन्दर हैं और पशु पक्षी अपनी राह में उन्मुक्त विचरण कर रहे हैं, लेकिन कोरोना के कहर से जहां आमजन परेशान है वहीं, पशु- पक्षियों को भी निराश्रित होना पड रहा है।

ऐसे में शहर में तीन वर्ष से संचालित भलाई की दीवार को चलाने वाली संस्था ‘समर्पण सेवा समिति’ ने इन बेजुबान पशु पक्षियों को चारा चुग्गा पानी की सुध लेने की ठानी है। शहर के अंदर व बाहर आज माँ परिवार के साथ मिलकर मूक पशु -पक्षियों को 2 गाड़ी हरा भरा चारा, 6 बोरी पशुओं को चापड़ (पशु आहार) व 2 बोरी परिंदों को ज्वार (दाना) समर्पित कर कोरोना के कहर के चलते मूक पशु-पक्षियों को तालाब की पाल, कोटा बैराज, सूरजपोल गोशाला, कायन हाउस एवं रास्ते मे सभी जगह मौजूद पशु-पक्षियों को चारा दाना देकर जीव दया कर परोपकार का कार्य किया।

समिति के अध्यक्ष अशोक जैन सबदरा ने बताया कि जहां कोरोना जैसी महामारी में इंसान घरों के अंदर लोकडाउन का सामना कर रहे हैं। वहीं, पशु-पक्षी भूखे प्यासे इस गर्मी में व्याकुल बैठे हैं। ऐसे में समर्पण सेवा समिति के माध्यम से शहर में कई स्थानों पर कई संस्थाओ और लोगों के माध्यम से पशु पक्षियों को चारे- दाने पानी की नियमित व्यवस्था की जा रही है। समर्पण सेवा समिति के प्रवक्ता यतींद्र जैन ने बताया कि आगे भी इस सेवा कार्य को निरंतर जारी रखा जाएगा।