रुपया ऑलटाइम लो पर, 70.81 प्रति डॉलर का निचला स्तर छुआ

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नई दिल्ली। गुरुवार को रुपए में कमजोरी और बढ़ गई है। कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपए अबतक के सबसे निचले स्तर 70.81 के स्तर पर आ गया है। करंसी मार्केट खुलने के बाद रुपया 18 पैसे टूट गया है। इससे पहले रुपए की शुरुआत पैसे की कमजोरी के साथ 70.63 के स्तर पर हुई। वहीं बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की गिरावट के साथ 70.59 के स्तर पर बंद हुआ था।

एक दिन में रुपए की यह सबसे बड़ी गिरावट
अगस्त 2013 के बाद एक दिन में रुपए की यह सबसे बड़ी गिरावट है। इस साल रुपया अबतक 10 फीसदी टूट चुका है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऑयल इम्पोर्टर्स और विदेशी बैंकों की तरफ से सरकारी बैंकों द्वारा बिक्री से रुपया गिर गया।

रुपया और होगा कमजोर
जानकारों का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर 72 का स्तर छू सकता है, जिससे क्रूड खरीदना और महंगा होगा। जीएसटी कलेक्शन उम्मीद के अनुसार न आने, डॉलर की बढ़ रही डिमांड, राजनीतिक अनिश्चितता और यूएस फेड द्वारा दरें बढ़ाए जाने के संकेत से रुपए में और कमजोरी आती दिख रही है।

रुपए की ट्रेडिंग रेंज
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपया आज 70.34 से 71.15 की रेंज में ट्रेड कर सकता है।

रुपए में गिरावट का क्या होगा असर
पेट्रोल-डीजल हो सकता है महंगा :डॉलर के मुकाबले रुपए के 70 के स्तर पार पहुंचने का असर क्रूड के इंपोर्ट पर हो सकता है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूडआयात करता है। ऐसे में डॉलर की कीमतें बढ़ने से इनके इंपोर्ट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। इंपोर्ट महंगा होगा तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं।

बढ़ सकती है महंगाई: देश में खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ेगा। वहीं, एडिबल ऑयल भी महंगे होगे।

साबुन-शैंपू-पेंट्स होंगे महंगे: अगर पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हुए तो पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ साबुन, शैंपू, पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, जिससे ये प्रोडेक्ट भी महंगे हो सकते हैं।

ऑटो की बढ़ेंगी कीमतें:ऑटो इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, साथ ही डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से माल ढुलाई का खर्च भी बढ़ने का डर रहता है। रुपए में गिरावट बनी रही तो कार कंपनियां आगे कीमतें बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं।

इन सेक्टर को होगा फायदा
रुपए के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने का सबसे ज्यादा फायदा आईटी, फॉर्मा के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर को होगा। इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की ज्यादा कमाई एक्सपोर्ट बेस है।

ऐसे में डॉलर की मजबूती से टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो जैसी आईटी कंपनियों के साथ यूएस मार्केट में कारोबार करने वाली फार्मा कंपनियों को होगा। इसके अलासवा ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसे गैस प्रोड्यूसर्स को डॉलर में तेजी का फायदा मिलेगा क्योंकि ये कंपनियां डॉलर में फ्यूल बेचती हैं।