राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक-2020 पारित

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  • पालिका चुनाव में गलत जानकारी पर जेल होगी
  • जयपुर, जोधपुर, कोटा में नवगठित दो-दो निगमों के चुनाव का रास्ता खुला
  • शहरों में कहीं भी रख सकेंगे नो-कंस्ट्रक्शन जोन

जयपुर। तीन शहरों में दो-दो निगम बनाने को मान्यता और शहरों में कहीं भी नो-कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने वाला चर्चित बिल राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक-2020 बुधवार को विधानसभा में ध्वनि मत से पास हो गया। साथ ही निकायों में चुनावों के दौरान गलत जानकारी देने या गलत शपथ पत्र पेश करने पर जुर्माना और सजा हो सकेगी। इसे दंडनीय अपराध माना जाएगा।

विपक्ष के तल्ख हमलों के बीच यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सभी तो निरुत्तर कर दिया। इस कानून के पास होने से अब अप्रैल में जयपुर-जोधपुर और कोटा में नवगठित दो-दो निगमों को चुनाव निर्बाध कराने का रास्ता खुल गया है। इसके साथ ही सरकार को पावर मिल गया है कि किसी भी शहर में कहीं भी सरकार अब नो-कंस्ट्रशन जोन घोषित कर सकेगी।

लाउड स्पीकर तेज बजाने पर अब 5 हजार जुर्माना
लाउड स्पीकर तेज बजाने पर लगने वाला जुर्माना भी 2 हजार से बढ़ाकर 5 हजार कर दिया गया है। कानून पर चर्चा के लिए बहुत कम समय रखा गया। मात्र 40 मिनट में 32 विधायकों को बोलना था, ऐसे में अंतिम तीन को तो खड़ा करके ही बिठा दिया गया।

सरकार की दादागिरी :विपक्ष
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने 194-क के प्रावधान को जयपुर से सरकार की दादागिरी चलाने वाला डंडा बताया, अशोक लाहोटी ने बिना जनता से पूछे दो-दो निगम बनाने को एक हजार करोड़ का चूना लगाने वाला कदम बताया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और किरण माहेश्वरी ने भी हमला बोला।

मंत्री धारीवाल बोले कुछ भी गलत नहीं
रिप्लाई में मंत्री धारीवाल ने कहा कि 2009 में निगम चुनाव संबंधी धारा जोड़ना भूल गए थे, भाजपा के समय भी वहीं कानून था, बाकी कोई बदलाव नहीं है। नो-कंस्ट्रक्शन जोन की शक्तियां सरकार ने अपने हाथ में ही है। इसमें कुछ गलत नहीं है। लाहोटी को बोला- आप तो दो-दो निगम बनाने के खिलाफ हाईकोर्ट डबल बैंच में गए थे। क्या हुआ? कोर्ट ने मुहर लगा दी ना कि सरकार को नए निगम बनाने का पावर है। किरण माहेश्वरी को बोला- आपको नगर पालिका एक्ट भी मालूम नहीं है? आप भी पालिका की चेयरमेन रही हैं। नगरपालिका एक्ट का एक पूर्व चेयरमैन को तो मालूम होना चाहिए?