राजस्थान के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा दुष्कर्म की सजा फांसी

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जयपुर। प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म, मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब स्कूल में ही बच्चों को पढ़ाया जाएगा कि महिला उत्पीड़न, महिला अपराध और दुष्कर्म एक जघन्य अपराध है और इसके लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान है। दुष्कर्म से जुड़े अपराधों के प्रति जागरूकता के लिए सरकार नए अध्याय जोड़ेगी।

इसका मकसद कानून के प्रति बच्चों को जागरूक करना है ताकि कानून के डर से भय हो और महिलाओं के प्रति सम्मान बढ़े। ऐसे में अपराध में भी निश्चित तौर पर कमी आएगी। सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को विधानसभा में बजट पर जवाब देते हुए इसका ऐलान किया है।

पाठ्यक्रम में इस तरह का जागरूकता अध्याय शामिल करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है। माना जा रहा है कि इस अध्याय को सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में शामिल किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ही तय करेगा कि कक्षा 10वीं, 11वीं या 12वीं में से किस कक्षा में शामिल किया जाएगा।

इसके अलावा सीएम ने ऑनर किलिंग और मॉब लिंचिंग रोकने के लिए भी नया कानून बनाने की घोषणा की है। ऑनर किलिंग के लिए कानून बनाने वाला राजस्थान मणिपुर के बाद दूसरा प्रदेश होगा। इसी प्रकार माॅब लिंचिंग रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद कानून बनाने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है।

सीएम बोले- विधायक भी सहयोग करें
बजट सत्र के दौरान खुद सीएम गहलोत ने कहा कि छह माह में देश में बलात्कार की 24 हजार घटनाएं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट भी बच्चों से दुष्कर्म के मामले में खुद के स्तर पर संज्ञान ले चुका है। मेरी अपील है कि विधायक बलात्कार की घटनाओं की रोकथाम के लिए आम लोगों को जागरूक करने में सहयोग करें।