राजस्थान का पहला बोन बैंक कोटा में इसी महीने होगा शुरू

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कोटा। कोटा मेडिकल कॉलेज में राजस्थान का पहला बोन बैंक इस महीने शुरू हो जाएगा। यहां 5 साल तक हड्डियां प्रिजर्व रखी जा सकेंगी। बोन बैंक का निरीक्षण करने के लिए पिछले दिनों जयपुर से एक टीम कोटा पहुंची। उन्होंने बोन बैंक में उपकरणों, ट्रांसप्लांट यूनिट का निरीक्षण किया और प्रक्रिया की जानकारी ली। टीम ने बोन बैंक के लिए किये गए सेटअप पर संतोष जताया।

इन अस्थियों को बोन कैंसर, जन्मजात विकृति समेत अन्य रोगियों को रिप्लेस किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने 2018 के बजट में इसकी घोषणा की थी, जिसमें 20 लाख रुपए का बजट दिया था। सीनियर प्रोफेसर, ऑर्थोपेडिक व बोन बैंक के प्रभारी डॉ. राजेश गोयल ने बताया कि बोन बैंक से मरीजों को काफी फायदा होगा। इसके लिए साल 2012 से प्रयास कर रहे थे। आज टीम ने निरीक्षण भी कर लिया है। उम्मीद है कि आगामी 17 दिसंबर तक इसका उद्घाटन भी हो जाएगा।

एक्सीडेंट या हादसे में किसी का पैर या हाथ काटना पड़े तो उसकी बोन ली जा सकेगी। मृत व्यक्ति की भी निकटतम संबंधियों की सहमति से बोन ली जा सकती है। बोन का हिस्सा कल्चर टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। 30 मिनट तक एंटीबायोटिक सॉल्यूशन में रखा जाएगा। उसे माइनस 80 डिग्री तापमान में रखा जाएगा। इंफेक्शन नहीं पाए जाने पर शेकर वाटर बाथ में रखा जाएगा। फिर दिल्ली के इंस्टीट्यूट में गामा रेडिएशन के लिए भेजेंगे, जहां से स्टरलाइज होकर आएगी। इसके बाद यह बोन्स रेडी टू यूज होगी।

मेडिकल कॉलेज में बना ये बोन बैंक प्रदेश का पहला बोन बैंक होगा। कोटा के अलावा देश में एम्स दिल्ली, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई, मद्रास मेडिकल कॉलेज चेन्नई, मेडिकल कॉलेज नागपुर, रमैया मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु, अड्यार कैंसर इंस्टीट्यूट चेन्नई में बोन बैंक संचालित हैं।

इन मरीजों को मिलेगा फायदा
बोन बैंक ऐसे मरीजों के लिए फायदेमंद रहेगा, जिनमें जन्मजात हड्डी संबंधी विकृति हो, कैंसर से हड्‌डी निकालनी पड़ी हो। इसके अलावा इंफेक्शन से हड्‌डी गल गई हो। ऐसे रोगियों को उसी शेप में ढालकर हड्‌डी रिप्लेस की जा सकेगी।