राजस्थान/ अब पार्षद चुनेंगे मेयर और सभापति, सरकार जल्द करेगी ऐलान

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जयपुर। प्रदेश में नवंबर में हाेने वाले नगर निकायाें के चुनाव में सभापति और मेयर का चुनाव आम जनता की जगह पार्षद करेंगे। इसके लिए सरकार जल्द ही ऐलान करेगी। दरअसल, कांग्रेस ने सत्ता में आते ही अप्रत्यक्ष प्रणाली काे बदल दिया था। इसके तहत मेयर और सभापति का चुनाव सीधे जनता के वोट (प्रत्यक्ष प्रणाली) से हाेना था। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई, लेकिन अब इस फैसले काे सरकार निरस्त करने जा रही है।

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की तर्ज पर कांग्रेस सरकार भी सीधे पार्षदाें के जरिए नगर निगम के मेयर और नगर परिषद के सभापति का चुनाव कराएगी। इसकाे लेकर सरकार के स्तर पर सहमति बन चुकी हैं। शनिवार काे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कार्यकर्ताओं और आम जनता से रायशुमारी के जरिए रिपोर्ट तैयार करने देने का काम सौंपा है। चार-पांच दिन बाद कुछ कह पाएंगे। उनकी रिपोर्ट को आधार मानकर कैबिनेट में रखा जाएगा।

सीएम और कैबिनेट की सहमति से फाइनल फैसला होगा कि निकाय प्रमुख का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से होगा या नियम बदलकर अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे। अभी मेयर-सभापति चुनने का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। केवल सही समय देखकर औपचारिक ऐलान होगा। खास यह है कि कांग्रेस विधायकाें औरर मंत्रियाें की सिफारिश पर सरकार की अाेर से यह कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश में 52 नगर पालिका, नगर परिषद अाैर नगर निगम में सभापति अाैर मेयर पद का चुनाव हाेना है।

कांग्रेस ने किया था विराेध, अब खुद पुरानी राह पर
पिछली भाजपा सरकार ने मेयर और सभापति के चुनाव के लिए अप्रत्यक्ष प्रणाली काे लागू किया था ताे कांग्रेस ने इसका विराेध किया था। इसीलिए सत्ता में आने के चंद दिन बाद ही अप्रत्यक्ष प्रणाली के तहत निकाय प्रमुख चुनने के नियम को बदल दिया था। हाल ही केंद्र सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 काे हटाया है। प्रदेश में सरकार को आशंका है कि मेयर-सभापति के चुनाव सीधे जनता के वोटों से कराया गया ताे भाजपा काे फायदा मिल सकता है। इसीलिए नियम में बदलाव किया जा रहा है।