नई दिल्ली। देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के कुल चार मामले सामने आए हैं। तीसरा केस गुजरात के जामनगर में जबकि चौथा मामला मुंबई में सामने आया है। दुबई, दिल्ली के रास्ते दक्षिण अफ्रीका से मुंबई पहुंचने वाला महाराष्ट्र का शख्स ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। वहीं गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को बताया कि राज्य में ओमिक्रोन का पहला मामला जामनगर में सामने आया।
इसमें जिम्बाब्वे से आया एक व्यक्ति ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित था। विस्तृत जांच के लिए उसके नमूने को पुणे भेजा गया है। वहीं दूसरी ओर ओमीक्रोन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच संसदीय समिति ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की सिफारिश की है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक जामनगर में Omicron के पहला केस आने के बाद गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें उन्होंने गुजरात के स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने ओमिक्रोन के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए।
गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने कहा कि जामनगर में मिले ओमिक्रोन के मरीज को आइसोलेट कर दिया गया है। उनके मकान को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। सारी सावधानियों का पालन करते हुए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की व्यवस्था होगी।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान हुई जानमाल की क्षति के मद्देनजर समिति ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्स-कोव-2 के प्रसार पर अंकुश लगाने या रोकने के लिए किए गए उपाय पूरी तरह से अपर्याप्त साबित हुए हैं।
समिति ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। समिति का कहना है कि देश के ग्रामीण इलाकों में जांच सुविधाओं में सुधार की तत्काल जरूरत है।
समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार को इस समय का सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। सरकार को अस्पतालों में बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और आक्सीजन सिलेंडरों और जरूरी दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राज्यों में वीआरडीएल के साथ पीएचसी और सीएचसी के बीच कोआर्डिनेशन को भी मजबूत किए जाने की जरूरत है।
समिति का कहना है कि मौजूदा वक्त में महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए संक्रमितों का समय पर पता लगाना और उन्हें क्वारंटीन करना बहुत जरूरी है। यही नहीं कोरोना संक्रमण के इलाज को लेकर और अध्ययन किए जाने की अहमियत को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन को मंजूरी देने के साथ ही टीकों के उत्पादन में तेजी लाने पर भी जोर देना चाहिए। मौजूदा वक्त में वैक्सीन की वितरण क्षमता बढ़ाने के साथ ही टीकाकरण की दर को भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।