भीषण आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है भारत : आईएमएफ

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नई दिल्ली। भारत भीषण आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। यह बात इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने कही है। IMF ने कहा है कि सरकार को फिस्कल कंसॉलिडेशन जारी रखते हुए इस दिशा में तुरंत कदम उठाना चाहिए। उसने यह भी कहा है कि इकनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए सरकार को राजकोषीय उपाय करने से बचना चाहिए। IMF ने सोमवार को वॉशिंगटन में इंडिया पर आर्टिकल IV कंसल्टेशन रिपोर्ट जारी की थी।

नीतिगत स्तर पर कदम उठाना जरूरी
IMF एशिया पैसिफिक डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर रनिल सलगादो ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत फिलहाल भीषण आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। मौजूदा सुस्ती को दूर करने और भारत को तेज ग्रोथ के रास्ते पर ले जाने के लिए सरकार को नीतिगत स्तर पर तुरंत कदम उठाने चाहिए।’

भारत की जीडीपी ग्रोथ सितंबर क्वॉर्टर में गिरकर 4.5% पर आ गई थी। यह छह साल का सबसे निचला स्तर था। बहुत से एक्सपर्ट्स ने पूरे FY2020 के लिए इंडिया के जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 5% से कम कर दिया है।

रिपोर्ट में दो स्थितियों का किया जिक्र
IMF की रिपोर्ट में दो स्थितियों का जिक्र किया गया है, जिसमें दूसरी स्थिति में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए तीन अहम बिंदुओं के इर्द-गिर्द व्यापक सुधारों को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई है। पहला बिंदु यह है कि पब्लिक सेक्टर बैंकों की बैलेंसशीट में हो रही साफ-सफाई को सपोर्ट देने के लिए उनमें गवर्नेंस और रेगुलेशन के अलावा NBFC की निगरानी व्यवस्था को मजबूत बनाया जाना चाहिए।

दूसरे बिंदु के अनुसार जनरल गवर्नमेंट डेट को जीडीपी के 60% तक लाने की फिस्कल रिस्पॉन्सबिलिटी ऐंड बजट मैनेजमेंट रिव्यू कमेटी की सिफारिशों के हिसाब से मीडियम टर्म फिस्कल कंसॉलिडेशन का रास्ता बनाया जाना चाहिए। तीसरे बिंदु में लेबर, लैंड और प्रॉडक्टिविटी रिफॉर्म्स को बढ़ावा दिए जाने की बात कही गई है।

ग्रोथ में और गिरावट की संभावना जताई
दूसरी स्थिति में GST जैसे रिफॉर्म्स के आधार पर भारत की ग्रोथ मीडियम टर्म में 7.3% रहने का अनुमान दिया गया है। IMF ने कहा है कि 2019-20 में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 6.1% रह सकती है, लेकिन उसने इसमें गिरावट आने की भी आशंका जताई है।

IMF की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने पिछले हफ्ते कहा था कि जनवरी वाले रिव्यू में इंडिया के ग्रोथ फोरकास्ट में बड़े पैमाने पर कमी की जा सकती है। IMF के आर्टिकल्स ऑफ एग्रीमेंट के आर्टिकल IV के तहत जारी कंसल्टेशन के लिए IMF में इकनॉमिक और फाइनेंशियल डिवेलपमेंट के इकनॉमिस्ट्स की टीम व्यापक आकलन करती है।

रिफॉर्म्स से धीरे-धीरे बढ़ सकती है ग्रोथ
IMF ने अपनी कंसल्टेशन रिपोर्ट में लिखा है कि महंगाई को काबू में रखने के कमिटमेंट पर हो रहे काम, पहले शुरू हुए GST और IBC जैसे रिफॉर्म्स सहित धीरे-धीरे हो रहे माइक्रो-फाइनैंशयल और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स के अलावा FDT फ्लो को उदार बनाने और ईज ऑफ डूइंग बिजनस के लिए उठाए जा रहे कदमों के चलते मीडियम टर्म में जीडीपी ग्रोथ धीरे-धीरे 7.3% के मीडियम टर्म पोटेंशियल की तरफ बढ़ सकती है।