अफवाहों में आकर सरकारी संपत्ति का नुकसान न करें, मोदी ने कहा

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लखनऊ/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मेडिकल यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी। मोदी ने कहा- अटल यूनिवर्सिटी यूपी में मेडिकल की पढ़ाई को समग्रता और सम्पूर्णता देगी। पाठ्यक्रम से परीक्षा तक इसमें एकरूपता होगी।

मेडिकल कॉलेज हो, डेंटल कॉलेज हो, पैरामेडिकल कॉलेज हो, नर्सिंग हो, चिकित्सा से जुड़े हर कोर्स को यह विश्वविद्यालय आगे बढ़ाएगा। सरकारी, निजी सभी संस्थानों का एफलिएशन इसी विश्वविद्यालय से होगा। इस विश्वविद्यालय के बनने से यूपी की चिकित्सा शिक्षा में और सुधार आएगा।

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में उनकी 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अष्टधातु से बनी यह अटलजी की सबसे ऊंची प्रतिमा है। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए लखनऊ में मोबाइल इंटरनेट बंद किया गया है। अटलजी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था।

हर कोई साइड इफेक्ट से बचना चाहता है। आयुर्वेद बहुत बड़ी भूमिका इसमें निभाता है। प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के लिए हम जितना जोर देंगे, उतना ही हेल्थ सेक्टर के लिए चिंताएं कम होती जाती हैं। देश के ग्रामीण इलाकों में सवा लाख से ज्यादा वेलनेस सेंटर का निर्माण इसी प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की कड़ी हैं।

देश के हेल्थ सेक्टर के विकास के लिए हमारा विजन और डायरेक्शन पहले दिन से स्पष्ट रहा है। स्वास्थ्य के साथ-साथ सुविधाओं में सुधार पर हमने ध्यान केंद्रित किया है।

दिल्ली में अटल भूजल योजना की शुरुआत की: मोदी
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धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले दिल्ली में अटल भूजल योजना की शुरुआत की। इस योजना से सात राज्यों के 8350 गांवों को फायदा होगा। वहीं, मनाली को लेह से जोड़ने वाली सुरंग को आज से अटल टनल के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले मोदी ने बुधवार को ‘सदैव अटल’ पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं ने समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मोदी ने कहा, ‘‘अटल जल योजना हो या फिर जलजीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइन, यह 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को पूरा करने का बड़ा कदम है। पानी ही घर, खेत और उद्योग सबको प्रभावित करता है। पानी के स्रोतों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यह हम सब के लिए चिंता का विषय है। हम सब को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए काम करना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उपलब्ध पानी के सही संचयन और वितरण पर ध्यान दिया है। पानी की हर बूंद का इस्तेमाल सुनिश्चित किया। पहले पानी के प्रबंधन से जुड़ा काम अलग-अलग विभागों में बंटा हुआ था। इस वजह से कहीं केंद्र और राज्य सरकारों में विवाद बना रहता था। जलशक्ति मंत्रालय ने इस खांचों में बंटी व्यवस्था को दुरुस्त किया।’’

मोदी ने कहा, ‘‘जहां तक संभव हो रिसाइकल पानी का इस्तेमाल हो। टॉयलेट कैसा हो, फ्लश में कितना पानी जाए, यह ध्यान में रखना होगा। यह सब स्टार्टअप वाले कर सकते हैं। मुझे भरोसा है कि इससे ऐसी व्यवस्था विकसित होगी, जिससे कम से कम पानी इस्तेमाल होगा। सबसे ज्यादा पानी का उपयोग हमारे यहां खेती में होता है। खेती के पुराने तरीके से बहुत सा पानी बर्बाद हो जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां सोच बनी हुई है कि बाल्टीभर पानी से नहाएं न तो लगता नहीं कि नहाए हैं। ऐसे ही किसानों को लगता है कि जब तक खेत लबालब नहीं भरा हो तो खेती ठीक नहीं है। पानी जमीन के लिए है या पौधे के लिए, यह समझ ही नहीं है। यह किसान का भी दोष नहीं है। हमने उस तक सही बात पहुंचाई ही नहीं है।’’

क्या है अटल भूजल योजना
योजना से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान को फायदा होगा। 6 हजार करोड़ की योजना को मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इसमें 3 हजार करोड़ वर्ल्ड बैंक और 3 हजार करोड़ केंद्र सरकार देगी। केंद्र ने यह फैसला किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लिया है। योजना में पानी के सही इस्तेमाल, जल सुरक्षा और जल बजट पर जोर दिया जाएगा।

पानी बहुत नीचे चला गया’
मोदी ने कहा कि पंजाब में कभी कहा जाता था कि पानी बहुत ऊपर है, इसलिए फसल को नुकसान हो रहा है। आज कहा जाता है कि भूजल इतना नीचे चला गया है कि फसलों को नुकसान हो रहा है। देश का प्रधानमंत्री और जलशक्ति मंत्री ऐसे इलाके से आ रहे हैं, जो यह जन्म से जानते हैं कि पानी की मुसीबत क्या होती है। हमने इस दर्द को देखा है, झेला है। इसलिए मिशन मोड पर काम करने का मिजाज भी है।’

जयपुर में तैयार की गई अटल प्रतिमा
अटल बिहारी वाजपेयी की अष्टधातु की यह प्रतिमा 4000 किलो वजनी है। इसकी लागत 89 लाख रुपए है। उप्र के संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वाईपी सिंह ने बताया कि प्रतिमा में 90% से ज्यादा तांबे का प्रयोग किया गया है। राजस्थान के जयपुर में प्रतिमा को तैयार किया गया है।