भारत-रूस में एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर समझौता हुआ

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नई दिल्ली ।    आखिरकार भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम सौदे पर मुहर लग गई है। अमेरिका की नाराजगी के बावजूद भारत ने रूस के साथ पांच एस-400 मिसाइल समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही भारत और रूस के बीच अंतरिक्ष में सहयोग को लेकर भी समझौता हो गया है। भारत साइबेरिया के शहर नोवोसबिरस्क में मॉनिटरिंग स्टेशन बनाएगा। पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति डेलिगेशन लेवल की बातचीत के बाद थोड़ी देर में संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित करेंगे।

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आज पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। रूसी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में 10 अरब डॉलर से ज्यादा के सौदे पर बातचीत हो सकती है। इनमें छिपी संभावना और क्षमता की बदौलत रूसी हथियारों के लिए कम से कम दो और दशकों तक भारतीय दरवाजे खुले रहेंगे।

सीरिया में तैनात है एस-400
एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। जमीन से हवा में मार करने वाला यह सिस्टम दुश्मन देशों के लड़ाकू जहाजों, मिसाइलों और ड्रोन को पलक झपकते ही खत्म कर देगा। रूस ने इस सिस्टम को सीरिया में तैनात कर रखा है। एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी 400 किलोमीटर के दायरे में आते ही खत्म कर देगा।

डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा। यह पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। यह सिस्टम 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। अगर सौदा होता है तो चीन के बाद इस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश होगा।

भारत का मानना है डील में कोई अड़ंगा नहीं : भारत ने पहले भी रूस से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के संकेत दिए थे। हाल ही में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, “भारत ने अपनी संप्रभुता बनाए रखी है। इसी के तहत भारत के अन्य देशों से रिश्ते कायम हैं और हम उन्हें बनाए रखेंगे।” रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि भारत के साथ बातचीत में हमारा एजेंडा सैन्य-तकनीकी सहयोग रहेगा। मोदी मई में रूस के सोची गए थे, जहां पुतिन से उनकी कई मुद्दों पर अनौपचारिक बातचीत हुई थी।