भारत में गेहूं का उत्पादन 1100 लाख टन होने की सम्भावना, वैश्विक एजेंसियों का अनुमान

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नई दिल्ली। कम से कम तीन वैश्विक एजेंसियों ने 2023-24 के वर्तमान रबी सीजन के दौरान भारत में गेहूं का उत्पादन 1100 लाख टन होने की सम्भावना व्यक्त की है जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुमान से करीब 20 लाख टन कम है। मंत्रालय ने 1120.20 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया है।

फिच सौल्युशन की इकाई बीएमआई के अनुसार भारत में इस वर्ष 1100 लाख टन गेहूं का उत्पादन हो सकता है। इसी तरह अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने 1106 लाख टन तथा खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) ने 1105.50 लाख टन गेहूं के उत्पादन की सम्भावना व्यक्त की है।

ज्ञात हो कि कृषि मंत्रालय ने 2022-23 के सीजन में 1105.50 लाख टन तथा 2021-22 के सीजन में 1011 लाख टन गेहूं का उत्पादन आंका था। बीएमआई ने 1040 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान लगाया था। कृषि मंत्रालय को इस बार गेहूं के बम्पर उत्पादन का भरोसा है जबकि उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने 1100 लाख टन से कम उत्पादन की सम्भावना व्यक्त की है।

फाओ का कहना है कि भारत में एक तो गेहूं के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है और दूसरे मौसम की हालत भी अनुकूल रही है जिससे औसत उपज दर में सुधार आने की उम्मीद है। 2021-22 की तुलना में 2022-23 के दौरान भारत में गेहूं की खपात 1.1 प्रतिशत घट गयी थी मगर 2023-24 सीजन के दौरान यह खपत 2.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 1114 लाख टन पर पहुंचने की सम्भावना है।

इस तरह लगातार तीसरे साल गेहूं का उत्पादन इसकी घरेलू मांग एवं खपत से कम होने की सम्भावना है। वैसे इस बार अंतर कम रहेगा। 2022-23 के सीजन में मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतर ज्यादा रहा था। इस बात से सभी सहमत हैं कि गेहूं का उत्पादन पिछले साल से अधिक होगा लेकिन असली समस्या सरकारी उत्पादन अनुमान को लेकर रहती है जो अक्सर वास्तविकता से ऊंचा रहता है।