भामाशाह कार्ड धारकों की परेशानी सुनने वाला कोई नहीं

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कोटा। हाड़ौती जन जाति विकास समिति एवं जयपुर की सेंटर फॉर कम्यूनिटी इकोनोमिक्स एंड डेवलपमेंट कंसल्टेंट्स सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को राजस्थान सरकार के कार्यकाल की समीक्षा की गई।

विज्ञान नगर के गायत्री शक्ति पीठ के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में कोटा नगर निगम के पार्षद युधिष्ठिर चानसी एवं जिले में डोल्या पंचायत के सरपंच नंद लाल मेघवाल ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को आसान बनाने के लिए जिन भामाशाह कार्ड धारकों को सेवा देने का प्रयास किया है। 

वे प्रयास नाकाफी हो गए है, क्योंकि कार्ड धारकों के साथ अनावश्यक औपचारिकताऐं काफी जोड़ दी गई है। यहां तक कि प्राइवेट अस्पताल भामाशाह कार्ड धारकों का मुफ्त इलाज करने से मना कर देते हैं।

इसी प्रकार ग्रामीण क्षैत्रों में सरकारी स्कूलों में पर्याप्त अध्यापक नहीं है, जो है उनसे भी अन्य कार्य कराए जाते हैं।  जिससे ग्रामीण बच्चों को शिक्षा का लाभ नहीं मिलता। गांवों में चिकित्सक जाना ही नहीं चाहते। समिति के महामंत्री प्रताप लाल मीणा ने बताया कि गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जीडी पटेल ने भी सरकार के कामकाज को असंतोषजनक बताया।

उन्होंने कहा कि  मतदान में नोटा का इस्तेमाल समस्या का समाधान नहीं है। नोटा के मतों का कोई मूल्य नहीं है। जल बिरादरी व चम्बल संसद के बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि राजनीतिक दलों को जिम्मेदारी का अहसास करना जरूरी है। इसके लिए जनघोषणा पत्र जारी हो और दलों की प्रबिद्धता मांगी जाए।

संगोष्ठी में जयपुर से भाग लेने पहुचे सेंटर फॉर कम्यूनिटी इकोनोमिक्स एंड डेवलपमेंट कंसलटेंट के किसान सेवा समिति महासंघ के भगवान दाधीच, हरिनारायण व आशा देवी शर्मा ने सरकार के कार्यकाल की समीक्षा के विषय रखे।

पर्यावरण परिषद की गीता दाधीच ने पर्यावरण शिक्षा और जैविक खेती पर विचार रखे। रामकृष्ण शिक्षण संस्था भदान के रमेश शर्मा ने रासायनिक खेती पर चिन्ता जताई कि सरकार इसे रोकने का प्रयास नहीं कर रही।

गायत्री परिवार के पोखरदास,बनवारी लाल शर्मा आदि ने जन घोषणा पत्र को जारी कर राजनीतिक दलों से घोषणा पत्र में मांगों को शामिल करने का अनुरोध किया जाएगा। भगवान सहाय ने बताया कि नागरिकों की मांगों को जन घोषणा पत्र में शामिल कर राजनीतिक दलों को भेजा जाएगा।