मोदी सरकार का फैसला उल्टा पड़ा, निवेशकों के डूब गए 6 हजार करोड़

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नई दिल्ली। सोमवार को मोदी सरकार ने तीन सरकारी बैंकों को मर्ज करने का फैसला किया। इसके तहत देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) का विलय होगा। सरकार का यह दांव उस पर ही भारी पड़ गया। देना बैंक और विजय बैंक के साथ मर्जर के फैसले से BoB के शेयरों में गिरावट आई. जिससे कुछ ही घंटों में निवेशकों को 6 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

BoB 17 फीसदी टूटा, देना बैंक 20 फीसदी चढ़ा
बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजय बैंक के मर्जर के फैसले से जहां BoB के शेयरों में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वहीं देना बैंक के शेयरों तेजी आई। देना बैंक के शेयर में 20 फीसदी का अपर सर्किट लगा। कारोबार के अंत में बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 16.03 फीसदी गिरकर 113.45 रुपए के भाव पर बंद हुआ। जबकि विजया बैंक शेयर 5.69 फीसदी गिरा।

निवेशकों के डूबे 6 हजार करोड़
मर्जर के फैसले से बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरो में गिरावट से निवेशकों को 6 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। सोमवार को BoB का मार्केट कैप 35,740.92 करोड़ रुपए था। वहीं मंगलवार को शेयर में गिरावट से मार्केट कैप 5,727.54 करोड़ रुपए घटकर 30,013.38 करोड़ रुपए हो गया।

नौकरी पर नहीं पड़ेगा असर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इस विलय से बैंक के किसी कर्मचारी की नौकरी पर विपरीत असर नहीं पड़ेगा। विलय से कर्मचारियों की नौकरी की सेवा शर्त में भी कोई बदलाव नहीं आएगा। जेटली ने यह भी कहा कि वे कमजोर बैंकों का आपस मर्जर नहीं चाहते है।

इससे पहले SBI में मर्ज हुए थे सब्सिडियरी बैंक
सरकार इससे पहले एसबीआई के साथ एसबीआई के पांच सब्सिडियरी बैंक को मर्ज कर चुकी है। जेटली ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक व देना बैंक के बोर्ड जल्द ही मिलकर यह तय करेंगे कि मर्जर की प्रक्रिया कब शुरू करनी है।

उन्होंने बताया कि अब यह काम बोर्ड का है। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट भाषण में बैंकों के मर्जर का एलान किया गया था। इस मर्जर के बाद इन बैंकों का कारोबार 14.82 ट्रिलियन रुपये का हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा लीड बैंक के रोल में होगा। चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस मर्जर को अंजाम दिया जा सकता है।