बालिका वधू डॉ.रूपा यादव ने एलन स्टूडेंट्स को किया मोटिवेट

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कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड की छात्रा रही बालिका वधू डॉ.रूपा यादव ने गुरूवार को स्टूडेंट्स को मोटिवेट किया। ‘बीएम सर-टॉक शो’ में शामिल होकर डॉ.रूपा यादव ने अपने अनुभव साझा किए। जवाहर नगर स्थित एलन के समरस सभागार में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने डॉ.रूपा का स्वागत किया। उन्होंने रूपा से सवाल किए जिसके जवाब अनुभव के रूप में दिए। इस दौरान बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी मौजूद रहे, जिन्होंने डॉ.रूपा से सवाल किए।

रुपा ने बताया कि उसने कभी समाज के दबाव को खुद पर हावी नहीं होने दिया, कितनी भी विपरीत परिस्थितियां आई लेकिन, हौंसले को डिगने नहीं दिया और अपना सपना साकार किया। विवाह मात्र 8 वर्ष की उम्र में हो गया था। ग्रामीण माहौल, समाज की पिछड़ी सोच एवं ससुराल की जिम्मेदारियों के बीच रूपा ने पढ़ाई जारी रखी और डॉक्टर बनने का सपना लेकर एलन कोटा आई। कड़ी मेहनत की और वर्ष 2017 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में ऑल इंडिया रैंक 2612 हासिल की। बीकानेर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला और अब उसकी एमबीबीएस पूरी हो चुकी है। अभी पीजी की तैयारी कर रही है।

एमबीबीएस कौनसी बड़ी चीज है
डॉ. रूपा ने बताया कि ये 9वीं कक्षा की बात है। एक दिन पूरा परिवार साथ बैठा हुआ था। मैंने अचानक कहा कि‘ मेरे कोई टीचर आए हैं जो एमबीबीएस हैं।। घरवालों ने कहा कि ‘पागल हो गई क्या, अपने जैसे गांव में कोई एमबीबीएस टीचर आएगा। यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई कि एमबीबीएस कौनसी बड़ी चीज है। यहीं से मुझे डॉक्टर बनने की इंस्पीरेशन मिली। एक बात और कि लड़कियां भले ही इमोशनल होती हैं लेकिन, लड़कियों जितनी चुनौतियां कोई और स्वीकार नहीं कर सकता।

बेटियों को अच्छे संस्कार अवश्य देना
शादी के बाद बहुओं को रसोई एवं परिवार की जिम्मेदारियों में बांधकर रखने के सवाल पर डॉ. रूपा ने कहा कि भले ही आप बेटियों को दहेज में एक रूपया मत देना लेकिन, उन्हें संस्कार इतने अच्छे देना कि उनका जीवन स्वतः ही सफल हो जाए। उन्हें अपने आप सफलता मिल जाए। रूपा ने कहा कि इंसान में इतनी शक्ति होती है कि वो जो सोच सकता है, उसे पूरा कर सकता है। इमपॉसिबल जैसा कोई शब्द नहीं होता। जिस दिन आपने यह सोच लिया कि मैं यह कर सकता हूं, उस दिन मानो आधी सफलता तो वैसे ही मिल गई।

लक्ष्य निर्धारित करने की आदत डालो
डॉ. रूपा ने कहा कि जीवन में कुछ पाना है तो सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करने की आदत डालो। अभी आप नीट यूजी को क्रेक करने का लक्ष्य निर्धारित कीजिए। जिस दिन नीट क्लीयर हो जाएगा तो एमबीबीएस बहुत आसान हो जाएगी। अभी जिन बातों को लेकर आप परेशान हो रहे हैं, सक्सेस मिलने के बाद आपको वो सब परेशानियां बहुत छोटी लगेगी।