प्रायोरिटी सेक्टर में अधिकतम ऋण देगा बैंक: राजेश कृष्ण बिरला

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कोटा नागरिक सहकारी बैंक की बोम और बोर्ड बैठक में वाहन ऋण व यूपीआई को मंजूरी

कोटा। कोटा नागरिक सहकारी बैंक लि.कोटा की संचालक मण्डल व बोम की बैठक शुक्रवार को रावतभाटा रोड स्थित प्रधान कार्यालय में अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

प्रबंध संचालक बिजेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि बैठक में नए सदस्यों की स्वीकृति, कमजोर वर्गों को ऋण, नई शाखाओं के भवन परिवर्तन, आय-व्यय पर विचार, जमा एवं एडवांस की समीक्षा, बिजनेस मॉडल व ऋण पर चर्चा, ऑडिट कमेटी की कार्रवाई पर पुष्टि, वाहन ऋण, यूपीआई पर मंजूरी, सहित विभिन्न बिंदुओं पर बैठक में विचार विमर्श किया गया।

बोर्ड बैठक में नए 71 सदस्यों को सदस्यता देने की स्वीकृति दी गई। इस अवसर पर नए सहवरित सदस्य, सहवरित संचालक प्रेमभाटिया व अरूण भार्गव, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में अध्यक्ष ओम माहेश्वरी, सुरेन्द्र गोयल व भक्ति निगम का स्वागत भी किया गया।

बैंक अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला ने बताया कि भारतीय रिज़र्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार गरीब तबकों, कमजोर वर्गों तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर सकरात्मक प्रभाव के लिए कोटा नागरिक सहकारी बैंक  प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों (Priority Sector) को ऋण देने की व्यवस्था करेगी।

बिरला ने बताया कि भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक मुख्य रूप से  देश की मूलभूत ज़रूरतों के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण मानती है और जो सेक्टर  आर्थिक रूप से कमजोर है उन्हें प्राथमिकता से ऋण दिया जाता है।

इनमें विभिन्न गृह ऋण, सीसी लिमिट, स्वदेशी उद्यम, शिक्षा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, शिक्षा,आवास व नवीकरणीय कार्य आदि सेक्टर शामिल हैं। कोटा नागरिक सहकारी बैंक प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग में मार्च 2024 तक इसे 75 प्रतिशत, मार्च 2025 तक 80 प्रतिशत प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के अंतर्गत ऋण देने का लक्ष्य बनाया है। उन्होंने बताया कि बैंक आम जनता, व्यापारी आदि को जागरूक करते के लिए कार्यशाला का आयोजन भी करेगी। बिरला ने बैठक में वाहन ऋण व यूपीआई की सुविधा को बैंक में लागू करने पर स्वीकृति प्रदान की।

बैंक के ऋण वितरण व वसूली को  लेकर बैंक सदस्यों ने महत्वपूर्ण विचार रखे। बोम अध्यक्ष ओम माहेश्वरी ने ऋण पॉलिसी के मूल्यांकन की बात कही। उन्होंने ऋण वितरण के पूर्व बैंक द्वारा ऋणी के नेटवर्थ व अप्रैजल की जानकारी कर ऋण वितरण का सुझाव दिया। उन्होंने वसूली को गंभीरता से लेते हुए डिफाल्टर पर एनआई एक्टके तहत कार्यवाही की बात कही।

प्रेम भाटिया ने लोन के सरलीकरण पर सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बैंक को वाहन लोन व प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग पर अधिक से अधिक ऋण दिया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को दिए जाने वाले ऋण में ब्याज की दर में छूट का सुझाव भी दिया।

सुरेन्द्र गोयल ‘विचित्र’ ने बैंक को व्यापारी संगठनो के साथ मंच साझा कर बैंक की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने, मध्यम व न्यून आय वाले व्यापारियों के लिए विशेष शिविर लगाकर ऋण वितरण का सुझाव दिया।

संचालक राकेश जैन ने अन्य बैंकों से तुलनात्मक अध्ययन कर जमा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सुझाव दिया। संचालक तनीशा बादल व पद्मिनी हाडा ने बैंक को आधुनिक तौर पर जोडने के लिए यूपीआई का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यूपीआई की सुविधा से बैंक की सेवाओं में विस्तार होगा और ग्राहको को भुगतान का नया और आसान विकल्प प्राप्त होगा।बोम सदस्य भक्ति निगम में ऋण वसूली के लिए क्षेत्रवार डिफॉल्टर लिस्ट बनाकर बैंक कर्मचारी व रिकवरी एजेंसी के माध्यम से ऋण वसूली का सुझाव दिया।

यह भी रहे उपस्थित
बैठक में अरूण भार्गव, बैंक उपाध्यक्ष हेमराज सिंह हाडा, संचालक सुरेश चन्द्र काबरा, महेंद्र कुमार शर्मा, नंदलाल प्रजापति, महावीर सुवालका, शैलेन्द्र ऋषि,ओमप्रकाश मेहरा, अशोक कुमार मीणा, बोम सदस्य आरके जैन व  उपस्थित रहे।