कोटा। कार्ष्णि सेवा समिति और माहेश्वरी परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा के छठे दिन मंगलवार को कृष्ण जन्म प्रसंग व उत्सव में भागवत कथा वाचक बालयोगी महाराज ने ऐसा समां बांधा कि भागवत प्रेमी अपने आप को रोक नहीं सके। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.. धुन पर भक्त जम कर झूमे। भागवत कथा में बालयोगी महाराज ने विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान बालयोगी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म राक्षसों का संहार करने के लिए हुआ था। श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण की सामूहिक जय-जयकार के बीच पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ उनका जन्मदिवस मनाया। कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगों के गुब्बारों से सजाया गया और बधाई गीतों के बीच भक्तिमय वातावरण बना रहा।
बालयोगी महाराज ने कहा कि संकल्प लेकर जो कार्य किया जाता है। उसको निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि वह श्रवण की गई कथा से संबंधित बिंदुओं को कथा स्थल पर ही न छोड़कर अपने जीवन में उनको स्थान दिलाए।
क्षत्रिय का जन्म भारत भूमि की पावन धरा पर इसीलिए होता है वह देश, धर्म, संत, सनातन और पितरो के साथ ही माताओं और बहनों की रक्षा कर सके। भागवत पुराण, वेद, उपनिषद, रामचरित मानस जैसे सभी ग्रंथों का नियमित रूप से वाचन और श्रवण करने की प्रक्रिया अपनाने की बात भी कही।
कृष्ण जन्म उत्सव के अवसर पर एक छोटे से बच्चे को कृष्ण के रूप में सजाया गया। श्रोता व भक्तगण बाल कृष्ण को देखने व बधाई देने के लिए उमड़ पड़े। इस अवसर पर आयोजकों की ओर से श्रोताओं व भक्तों के बीच बधाई के रूप में चाकलेट, माखन मिश्री व खिलौने का वितरण किया गया। यजमान गीता देवी मूंदड़ा और कमल माहेश्वरी ने भागवत पूजन कर कथा का शुभारम्भ कराया।