पर्यावरण फ्रेंडली बनाने की दिशा में महिलाएं कर रही अच्छा काम : एकता धारीवाल

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कोटा। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत श्रीकृष्णा खादी ग्रामोद्योग विकास संस्था की ओर से दशहरा मैदान स्थित अंबेडकर भवन के पास लग रही नेशनल क्रॉफ्ट हैंडलूम एक्सपो में रविवार को समाजसेविका डॉ. एकता धारीवाल ने गणेश पूजन के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों द्वारा घरेलू उत्पादों के साथ-साथ साज सज्जा व वेंडिंग ज्वैलरी, जूट के उत्पाद, कश्मीरी साड़ियों समेत विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को सराहा।

डॉ. धारीवाल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जूट समेत इको फ्रेंडली उत्पादों का निर्माण कर शहर को पर्यावरण फ्रेंडली बनाने की दिशा में नेक कार्य कर रही है। प्रदर्शनी में जम्मू कश्मीर से स्टॉल लगाने आए अशरफ ने धारीवाल को एक लाख से लेकर 2.5 लाख रुपए तक की कश्मीरी पश्मीना शॉल दिखाई।

15 राज्यों से आए शिल्पकार
संस्था के निदेशक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि एक्सपो में 100 से अधिक स्टॉलें लगाई गई है, जिसमें देश के 15 राज्यों से आए हथकरघा, हस्तशिल्पी व शिल्पकारों द्वारा विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की बिक्री की जा रही है। प्रदर्शनी में कश्मीरी शॉल, साड़ी, जैकेट, दुपट्टा, सूट्स, ड्रेस मटेरियल, फैशन ज्वैलरी, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, जूट बैग, जूट की ज्वैलरी समेत घरेलू उत्पाद ग्राहकों को आकर्षित कर रहे है।

महिलाओं को मिल रहा रोजगार
एनयूएलएम की प्रबंधक हेमलता गांधी ने बताया कि महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि महिलाएं रोजगार से जुड़ सकें। प्रदर्शनी में महिलाओं द्वारा बनाए गए जूट बैग, शॉपिंग बैग, केरी बैग, फाइल फोल्डर, लेडिज पर्स, मोबाइल पर्स, बंधनबार व झूले समेत विभिन्न प्रकार के इको फ्रेंडली उत्पाद ग्राहकों को अधिक संख्या में पसंद आ रहे है।

100 पॉलीथिन लाओ 10 पौधे ले जाओ
पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कैथून निवासी ओमप्रकाश सुमन ने प्रदर्शनी में पौधों व जैविक खाद की स्टॉल लगा रखी है, जिस पर एक व्यक्ति द्वारा 100 पॉलीथिन या फिर 100 डिस्पोजल गिलास, 100 खाली पानी की बोतल लाने पर उसे 10 पौधे (सीजनल प्लांट) मुफ्त में दिये जा रहे है। साथ में एक जैविक खाद का भी पैकिट मुफ्त में दिया जा रहा है। शहर को पॉलीथिन से मुक्त बनाने की दिशा में अनूठा कार्य करने पर प्रदर्शनी में डॉ. धारीवाल ने सुमन के कार्य की सराहना की।