निर्यातकों को 8 फीसदी से कम ब्याज दर पर कर्ज: वित्त मंत्री

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नई दिल्ली। कर्ज की लागत को लेकर निर्यातकों की शिकायत समाप्त होने जा रही है। अब निर्यातकों को 8 फीसदी से भी कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेंगे। वहीं देश के बाहर के बैंकों से मिलने वाले इस कर्ज की दर 4 फीसदी से भी कम होगी। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में घोषणा की।

निर्यातक पिछले कई सालों से कर्ज की आसान उपलब्धता और कर्ज की लागत यानी कि ब्याज दरों को कम करने की मांग कर रहे थे। वित्त मंत्री की घोषणा के बाद निर्यातकों के कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र में जगह दी जाएगी। कृषि को कर्ज के प्राथमिक क्षेत्र में रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि निर्यातकों को सस्ती दरों पर कर्ज दिलाने के लिए सरकार एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) के माध्यम से एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम के दायरे को बढ़ाएगी।

इससे निर्यातकों को कम ब्याज दरों पर लोन लेने में आसानी होगी। वित्त मंत्री के मुताबिक इस स्कीम का लाभ मुख्य रूप से एमएसएमई सेक्टर को मिलेगा। भारत से होने वाले वस्तुओं के निर्यात में एमएसएमई क्षेत्र का योगदान 40 फीसदी से अधिक है। वित्त मंत्री ने बताया कि एक्सपोर्ट को बैंक लोन के प्राथमिक क्षेत्र में लाने के लिए आरबीआई की तरफ से जल्द दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

प्राथमिक क्षेत्र के तहत निर्यात क्षेत्र को 36,000 करोड़ से लेकर 68,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त लोन दिए जाएंगे। अभी निर्यातकों की यह शिकायत रहती है कि बैंक उन्हें लोन देने में कई प्रकार की गारंटी मांगते हैं और आसानी से लोन नहीं देते हैं। सरकार की तरफ से निर्यातकों को मिलने वाली वित्तीय व्यवस्था की लगातार निगरानी भी की जाएगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस बारे में हमेशा डाटा प्रकाशित करेगा। एक डैश बोर्ड बनाया जाएगा जिसके जरिए कोई निर्यात क्षेत्र की वित्तीय व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगा। वाणिज्य विभाग में एक अंतर-मंत्रालयी समूह का गठन किया जाएगा जो निर्यात सेक्टर की वित्तीय व्यवस्था का जायजा लेता रहेगा।