निर्भया के दरिंदों की फांसी में देरी से स्मृति इरानी खफा

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने शनिवार को कहा कि उन्हें इस बात पर गुस्सा आता है कि निर्भया समूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषी विलंब की तरकीबें अपनाकर न्याय का मजाक बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।

वह पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों की महिलाओं के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रही थीं। इरानी ने कहा, ‘हमें एक कदम आगे जाने की आवश्यकता है, खासकर दोषसिद्धि की दर को लेकर…जो निर्भया मामले में देखा गया और यह हो रहा है।’

20 मार्च को होनी है निर्भया के दोषियों को फांसी
उन्होंने कहा, ‘यह तथ्य कि बलात्कारी न्यायिक प्रणाली का मजाक बना सकते हैं, एक ऐसा तथ्य है जो मुझे बहुत ज्यादा क्रोधित करता है।’ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि न्याय का इस तरह का मजाक आगे और न बनाया जा सके। दिल्ली की एक निचली अदालत ने नया मृत्यु वारंट जारी करते हुए निर्भया मामले के दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटकाए जाने का निर्देश दिया है।

विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित हो’
दोषी सिलसिलेवार ढंग से याचिकाएं और दया याचिकाएं दायर कर फांसी की सजा के क्रियान्वयन में विलंब कराते रहे। उनकी तरकीबों के चलते मृत्यु वारंट अब तक तीन बार टाला जा चुका है, लेकिन अब उनके पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। इरानी ने गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो से आग्रह किया कि वह ऐसी प्रक्रियाएं तैयार करने में उनके मंत्रालय की मदद करे जिनसे कि विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित हो सके और ऐसे बच्चों को परेशानी न उठानी पड़े।