आर्ट ऑफ लिविंग ने कोचिंग छात्रों के संग मनाई दीपावली, ताकि खुद को अकेला न समझें

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कोटा। पंचदिवसीय त्यौहार दीपोत्सव की रौनक शहर में दिखने लगी। बाजार सज चुके हैं। शहर की इमारतों पर लाइटिंग और शहरवासी परिवार संग उत्सव को मनाने की योजनाएं बना रहे हैं। कोटा आने वाले हजारों विद्यार्थी भी अपने शहर की ओर रूख कर चुके हैं। परन्तु कोटा शहर के कई होस्टल में विद्यार्थी अभी भी मौजूद हैं।

वह परिवार से दूर कोटा शहर में ही दीपावली मनाएंगे। ऐसे विद्यार्थियों को परिवार की कमी महसून न हो, इसके लिए द आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा शहर के विभिन्न हॉस्टल में जाकर छात्रों के साथ दीपोत्सव मनाया जा रहा है।

आर्ट ऑफ़ लिविंग के एपेक्स मेम्बर सुनील बाफना ने बताया कि हमारे टीचर व वॉलिंटर हॉस्टल में जाकर बच्चो से मिल रहे हैं और इंटरेक्टिव सेशन ले रहे हैं। सेशन में मेडिटेशन एवं प्राणायाम के साथ सकारात्मकता व सजगता का संचार किया जा रहा है, जिससे स्टूडेंट्स दिवाली के समय खुद को अकेला ना समझें। आर्ट ऑफ लिविंग फैकल्टी दीपक शर्मा ने बताया की सेशन के दौरान डॉक्टर्स, आईआईटीयन, काउंसलर्स द्वारा प्रेक्टिकल तकनीक सिखाने से मानसिक शांति प्राप्त कर रहे हैं और उनका दीपावली का उत्साह भी दोगुना हो रहा है।

देश की धरोहर है विद्यार्थी
बाफना ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा तनाव निष्कासन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो लोगों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करते हैं। यह कार्यशाला में ऐसी निपुणता और तकनीकों से सुसज्जित होती है जिससे व्यक्तियों के जीवन स्तर को बढ़ावा मिले। भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक तंदुरूस्ती के लिए द आर्ट ऑफ लिविंग विशिष्ट कार्यक्रमों का प्रबंध हर वर्ग और उम्र के समूह के लिए करती है। कोटा शहर में पढ़ने आये छात्र देश की धरोहर है। हम सभी को इनकी हर संभव मदद करनी चाहिए। द आर्ट ऑफ लिविंग की टीम कुन्हाडी के विभिन्न हॉस्टल में जाकर 1000 हजार से अधिक छात्रों से जुड़ चुकी है। दीपावली तक यह क्रम शहर के अन्य हॉस्टल मे भी निरंतर चलता रहेगा।