दालों की जमाखोरी पर सरकार ने दिखाये तेवर, स्टॉक का कर रही आकलन

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय हो गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने प्रमुख दाल आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके पास उपलब्ध सभी स्टॉक नियमित रूप से पारदर्शी तरीके से घोषित किए जाएं।

साथ ही उन्हें सलाह दी गई कि वे ऐसा कोई भी स्टॉक अपने पास न रखें जिससे घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता बाधित हो सकती है। इस बीच, विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में गठित समिति ने आज सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक बैठक की। जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि स्टॉक डिक्लेरेशन पोर्टल में पंजीकृत संस्थाओं की संख्या बढ़ाने के लिए सभी स्रोतों का पता लगाया जाए।

जिसमें FSSAI लाइसेंस धारी, APMC पंजीकृत व्यापारी, दालों के GST पंजीकृत व्यापारी आदि शामिल हैं। राज्यों से सार्वजनिक और निजी दोनों गोदाम सेवा प्रदाताओं से दालों के स्टॉक की जानकारी प्राप्त करने का भी अनुरोध किया गया।

साथ ही कस्टम पर गोदामों में आयातित दालों के स्टॉक की निगरानी करने की आवश्यकता पर भी बल दिया जाए। ताकि बंदरगाहों से उनका समय पर रिलीज होना सुनिश्चित किया जा सके।

सरकार ने मिल मालिकों, स्टॉकिस्टों, व्यापारियों, आयातकों आदि द्वारा दालों के स्टॉक के खुलासे की निगरानी के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अरहर की कीमतें सामान्य हों और घरेलू बाजार में अरहर की उपलब्धता किफायती दाम पर सुनिश्चित हो।

विभाग उपभोक्ताओं के लिए दालों की किफायती मूल्य पर पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मूल्य श्रृंखला के सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने की भी योजना बना रहा है। दलहन संघों और आयातकों ने सरकार को पारदर्शी तरीके से स्टॉक का खुलासा करने में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।