थोक महंगाई दर 3 साल के निचले स्तर 3.48 प्रतिशत पर आई

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नई दिल्ली। Wholesale Inflation Rate: थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में घटकर शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे आ गई है। यह इसका तीन साल का निचला स्तर है। मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम घटने से थोक मुद्रास्फीति नीचे आई है।

यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे है। अप्रैल में यह निगेटिव में 0.92 प्रतिशत पर थी। मई, 2022 में थोक मुद्रास्फीति 16.63 प्रतिशत पर थी। मई, 2023 का मुद्रास्फीति का आंकड़ा तीन साल का निचला स्तर है। इससे पहले मई, 2020 में थोक मुद्रास्फीति निगेटिव में 3.37 प्रतिशत पर थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति घटकर 1.51 प्रतिशत पर आ गई। अप्रैल में यह 3.54 प्रतिशत पर थी।

गिरावट की क्या है वजह: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, ”मई में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह खनिज तेल, मूल धातु, खाद्य उत्पाद, कपड़ा, गैर-खाद्य सामान, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रसायन उत्पादों की कीमतों में कमी है।”

ईंधन और बिजली कैटेगरी की मुद्रास्फीति मई में घटकर निगेटिव में 9.17 प्रतिशत पर आ गई। अप्रैल में यह 0.93 प्रतिशत थी। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की मुद्रास्फीति मई में शून्य से 2.97 प्रतिशत नीचे रही। अप्रैल में यह शून्य से 2.42 प्रतिशत नीचे थी। मई में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 4.25 प्रतिशत के 25 माह के निचले स्तर पर आ गई है।