तीन दौर की वार्ता विफल, आज सुबह 11 बजे फिर से होगी वार्ता

709

जयपुर। सेवारत चिकित्सकों की 11वें दिन भी हड़ताल जारी रही। हाईकोर्ट के आदेश और सरकार द्वारा 24 घंटे दिए जाने के बावजूद मंगलवार को केवल 54 डॉक्टर ही काम पर लौटे। बाकी सेवारत और रेजीडेंट्स डॉक्टर काम पर नहीं लौटे। इस कारण प्रदेश में इलाज के अभाव में पांच और लोगों की मौत हो गई।

डॉक्टरों से वार्ता के लिए सरकार की तरफ से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, परिवहन मंत्री युनूस खान, सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक को मध्यस्थता के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ के साथ लगाया गया। मंगलवार सुबह परनामी के घर और शाम को किलक के आवास पर वार्ता शुरू हुई, लेकिन तीन मंत्रियों और तीन दौर की वार्ता का भी कोई नतीजा नहीं निकला।

अब बुधवार सुबह 11 बजे फिर वार्ता बुलाई गई है। किलक के घर पर वार्ता में डॉक्टर पिछले माह के 12 ट्रांसफर रद्द करने, एकल पारी जैसी मांगों पर अड़े रहे। एक बार सेवारत चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी को जयपुर सीएमएचओ (द्वितीय) लगाने की बात चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

रात करीब 8 बजे वार्ता छोड़ डॉक्टर मंत्री के आवास से निकल गए। सरकार द्वारा वार्ता को लेकर डॉक्टरों को कुछ बताया और पब्लिक में मीडिया को कुछ जानकारी दी। इससे आधी रात तक डॉक्टरों और तीन मंत्रियों बीजेपी अध्यक्ष की गुप्त स्थानों पर मीटिंग और दूसरी तरफ चिकित्सकों की गिरफ्तारी की अफवाहें चलती रही। मंत्री सराफ के घर पर संपर्क करने पर बताया गया कि वे शाम से आवास पर हैं, मीटिंग में नहीं गए।

इनको जबरन पकड़ ड्यूटी करवाई
डूंगरपुरमें मंगलवार सुबह कोतवाली पुलिस जिला अस्पताल उपनियंत्रक डॉ. राजेश सरैया के घर पहुंची। उसके बाद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलेश गोठी के घर पर दबिश दी। डॉ. गोठी घर पर बच्चों का इलाज कर रहे थे। दोनों को जबरन अस्पताल लाकर ड्यूटी ज्वाइन करवा दी।

चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई
हड़ताल के कारण प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। इलाज नहीं मिलने की वजह से डूंगरपुर में 7 दिन के बच्चे की मौत हो गई। वहीं बूंदी के सरकारी अस्पताल में भी उपचार के अभाव में एक युवक ने दम तोड़ दिया।

सरपंच चतुर्भुज एरवाल ने बताया कि सिंगाड़ी निवासी फूलचंद (34) पुत्र कजोड़मल माली की मंगलवार सुबह अचानक तबीयत बगड़ी। परिजन उसे लेकर बूंदी अस्पताल पहुंचे लेकिन चिकित्सक नहीं मिले। इसके बाद उसे कोटा निजी अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।