टोल प्लाजा हटेंगे, जल्द ही GPS से होगी टोल टैक्स की वसूली

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    नई दिल्ली। आने वाले समय में सभी से GPS यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके टैक्स वसूला जाएगा। इस नए सिस्टम को डेवलप करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने तकनीकी सलाहकार के लिए टेंडर बुलाए हैं। ये NHAI को ये सिस्टम तैयार करने में मदद करेगा। केंद्रीय सड़क, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में संसद में कहा कि अगले एक साल मौजूदा टोल कलेक्शन सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा, यानी मौजूदा टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे। इसकी जगह पर टोल कलेक्शन के लिए नया सिस्टम बनाया जा रहा है।

    GPS से होगी टोल टैक्स की वसूली
    मौजूदा टोल कलेक्शन की व्यवस्था को खत्म करके ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के जरिए टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसके तहत वाहन जितने किलोमीटर तक हाईवे का प्रयोग करेगा, उतने किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाएगी। हाईवे पर चढ़ने और उतरने की रिकॉर्डिंग GPS के जरिए दर्ज की जाएगी।

    इसे ऐसे समझें कि यदि कोई वाहन चालक एक पॉइंट से हाईवे पर चढ़ने के बाद 35 किलोमीटर की यात्रा करके हाईवे छोड़ता है तो उससे केवल 35 किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स वसूला जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में प्रत्येक 60 किलोमीटर पर टोल प्लाजा स्थित है और वाहन चालकों को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल टैक्स देना पड़ता है।

    पुराने वाहनों में मुफ्त लगाया जाएगा GPS
    नए वाहनों में GPS कंपनी की ओर से लगाकर दिया जा रहा है। पुराने वाहनों में GPS की समस्या है। टोल टैक्स कलेक्शन के नए सिस्टम के लिए सरकार की ओर से पुराने वाहनों में मुफ्त GPS लगवाया जाएगा।

    फास्टैग से होगी टोल टैक्स की वसूली
    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए सिस्टम में टोल टैक्स की वसूली फास्टैग के जरिए होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी देश में करीब 93% टोल टैक्स कलेक्शन फास्टैग के जरिए हो रहा है। नकदी के जरिए टोल टैक्स देने वाले शेष 7% वाहनों को फास्टैग से जोड़ने के लिए कार्रवाई की जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक, सरकार को टोल टैक्स से सालाना 30 हजार करोड़ रुपए मिल रहा है जिसे वो 2024 के आखिर तक एक लाख करोड़ करना चाहती है।