जीएसटी काउंसिल की बैठक 7 अक्टूबर को, इन प्रस्तावों पर होगा विचार

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नई दिल्ली। GST Council meeting: जीएसटी काउंसिल की बैठक शनिवार 7 अक्टूबर को होगी। बैठक में कई बड़े मामलों पर टैक्स संबंधी फैसले काउंसिल ले सकती है, जिनमें पाउडर के रूप में बेचे जाने वाले बाजरा पर टैक्स छूट देने, दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा खरीदे गए वाहनों पर 18% की रियायती टैक्स दर बढ़ाने, बैंक या किसी कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों को निदेशकों और प्रमोटरों द्वारा प्रदान की गई कॉर्पोरेट गारंटी को टैक्स दायरे में लाने आदि जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों पर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की जा सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार टैक्स दरों को देखने वाली जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने दरों में किसी भी महत्वपूर्ण बदलाव की सिफारिश नहीं की है। जबकि, कमेटी ने इंडस्ट्री के दर्जनभर से अधिक प्रस्तावों को खारिज कर दिया है या दरों को तर्कसंगत बनाने का फैसला मंत्रियों के समूह पर छोड़ दिया है।

फिटमेंट कमेटी के रिजेक्ट प्रस्तावों पर निर्णय संभव
फिटमेंट कमेटी ने इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली लिथियम आयन बैटरी पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करने, सिगरेट पर कंपनशेसन सेस में कमी करने, बिजनेस द्वारा आपूर्ति की जाने वाली सेवाओं में कटौती, फ्लाइंग इस्टीट्यूट को टैक्स छूट आदि के प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। जीएसटी काउंसिल इन मामलों पर 7 अक्टूबर को अंतिम मुहर लगा सकती है।

जीएसटी काउंसिल के एजेंडे में हैं यह प्रस्ताव

  • जीएसटी काउंसिल 7 अक्टूबर की बैठक में स्टील स्क्रैप पर रिवर्स चार्जेस मैकेनिज्म लागू करने पर भी फैसला ले सकती है।
  • बैठक में 15 साल की प्रैक्टिस वाले अधिवक्ताओं को जीएसटी ट्रिब्यूनल में न्यायपालिका सदस्यों के रूप में पात्र होने की अनुमति देने और अपीलीय ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष की ऊपरी आयु सीमा को वर्तमान 63 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष करने पर भी फैसला लिया जा सकता है।
  • कुछ स्पेशिफिक मामलों के लिए टैक्स विवादों में अपील दायर करने के लिए अतिरिक्त समय देने पर भी विचार किया जा सकता है।
  • जीएसटी काउंसिल एक व्यक्ति कंपनी को शामिल करने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन फॉर्म में बदलाव पर विचार कर सकती है।
  • जीएसटी काउंसिल विज्ञापन सेवा, डेटा सेंटर, मेल और कूरियर के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं के मामले में विस्तृत स्पष्टीकरण प्रदान कर सकती है।
  • जीएसटी काउंसिल सार्वजनिक पार्कों, लॉन और सार्वजनिक उद्यानों के रखरखाव के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर दी गई बागवानी सेवाओं पर जीएसटी से छूट पर भी विचार कर रही है।