जायौ कौसल्या रानी लल्ला, मोहल्ला में हल्ला सौ मच गयो

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प्रभु श्रीराम प्राकट्योत्सव पर आनन्द में डूबे श्रद्धालु, प्रभु भजनों पर थिरके

कोटा। छप्पन भोग परिसर में चल रही श्री राम कथा के द्वितीय दिवस पर प्रेम मूर्ति प्रेमभूषण महाराज ने प्रभु श्री राम के जन्म महोत्सव पर श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराया। महाराज जी ने कहा कि चक्रवर्ती महाराज दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया, इसके बाद चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। पुत्र रत्न की प्राप्ति का संदेश जब महाराज श्री को मिला तो उन्हें ब्रह्मानंद की अनुभूति होने लगी।

दशरथ पुत्र जन्म सुनी काना मानहु ब्रह्मानंद समाना। प्रभु के जन्म के अवसर पर पूरे अवध में बधाई बजने लगी, अवध की प्रजा खुशी से झूम उठी। जो करते रहोगे भजन धीरे-धीरे, इस दुनिया में सुन्दर सुन्दर फूल खिलाने वाला, सब देव चले महादेव चले, आओ राघव सांवरिया, जायौ कौसल्या रानी लल्ला मोहल्ला में हल्ला सौ मच गयो समेत अन्य राम जन्म प्रसंग के भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए।

कथा पाण्डाल में राम प्राकट्योत्सव के शुभ अवसर पर मिठाई, खिलौने वितरित किए गए। कथा में भगवान श्रीराम सहित चारों भाईयों के जन्म व बाल लीला का वर्णन सुन सभी भाव-विभोर हो गए।

पूज्य श्री ने कहा कि भगवान को वही जान पाता है जिसे भगवान जनाना चाहते हैं। भगवान को न मानने वाले या प्रकृति से छेड़छाड़ करने वाले लोगों को अगर यह लगता है कि उसका फल उन्हें नहीं भोगना होगा तो वह गलत सोचते हैं। अच्छे कर्म का अच्छा फल और बुरे कर्म का पूरा फल हर हाल में प्राप्त होता है। केवट जी को 17 जन्मों के बाद भगवान का पैर पखारने का अवसर मिला था।

रामकथा गायन के क्रम में श्री राम जन्मोत्सव और बाललीला प्रसंगों का गायन करते हुए कहा कि किसी को भी इस बात की कल्पना नहीं थी कि भारत की सत्ता में कभी कोई ऐसा शासक आएगा जो तीर्थों का उद्धार करेगा।

मानव जीवन हीरे के समान, इसका मोल समझे
मानव जीवन के मोल को परिभाषित करते हुए पूज्य श्री ने कहा कि पूरी सृष्टि प्रभु के अधीन है, उन्हीं की इच्छा मात्र से हमें मानव जीवन मिला है। महाराज ने इसराइल-फिलीस्तीन व रूस यूक्रेन युद्ध की निंदा करते हुए कहा कि दुनिया में अकारण हो रहे युद्ध में मानव जीवन का ह्रास हो रहा है। मानव जीवन सभी को नहीं मिलता है। मानव शरीर न देवताओं को मिलता है और न ही दैत्यों को लेकिन, ये हमें और आपको प्राप्त हुआ है। मनुष्य का जीवन पुण्य का परिणाम है जिसका जितना पुण्य है उसे उतना ही प्रभु के कृपा की प्राप्ति है।

संगीतमय सुन्दरकाण्ड आज
रामकथा महोत्सव के अन्तर्गत गुरूवार को छप्पन भोग परिसर स्थित कथा पाण्डाल में सायं 7.30 बजे संगीतमय सुन्दरकाण्ड का आयोजन होगा। डॉ. अमिता बिरला व अपर्णा अग्रवाल ने बताया कि देश-दुनिया में अपनी अनूठी शैली में सुन्दरकाण्ड पाठ के लिए प्रसिद्ध अजय यागनिक हजारों राम भक्तों से साथ सामूहिक सुन्दरकाण्ड का पाठ करेंगे।